Maharashtra  MLC Election: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में सभी 285 पात्र विधायकों ने मतदान किया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits file)

Maharashtra  MLC Election: महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए मतदान सोमवार को चार बजे संपन्न हो गया.  सभी पात्र विधायकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जिनमें कुछ बीमार विधायक भी थे जिन्हें व्हीलचेयर पर विधानमंडल परिसर में लाया गया. विधान भवन के एक अधिकारी ने बताया कि मतगणना शाम पांच बजे शुरू होगी. मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ था. राज्य के विधायकों ने एमएलसी चुनाव में मतदान किया. यूं तो महाराष्ट्र विधानसभा की कुल क्षमता 288 सदस्यों की है लेकिन शिवसेना विधायक रमेश लातके के निधन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो विधायकों- नवाब मलिक और अनिल देशमुख के जेल में बंद होने और अदालत द्वारा उन्हें मतदान की अनुमति नहीं देने के बाद कुल सदस्यों की क्षमता घटकर 285 रह गई है.

गंभीर बीमारी से जूझ रहीं भाजपा विधायक मुक्ता तिलक पुणे से कार में विधान भवन पहुंचीं.  इसके बाद उन्हें वोट डालने के लिए व्हीलचेयर से विधानमंडल परिसर के अंदर ले जाया गया. भाजपा के एक और विधायक लक्ष्मण जगताप पुणे से एंबुलेंस से विधान भवन पहुंचे.  वह भी लंबे समय से बीमार हैं. उन्हें भी व्हीलचेयर पर विधान भवन के केंद्रीय कक्ष में ले जाया गया जहां उन्होंने अपना वोट डाला पैर की चोट से जूझ रहे महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना विधायक शंकरराव गडख अपने कुछ सहयोगियों की मदद से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए विधानमंडल परिसर के अंदर गए. कुल 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य की एमवीए सरकार के घटक शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने दो-दो प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि भाजपा ने पांच उम्मीदवारों को टिकट दिया है. यह भी पढ़े:  UP MLC Election 2022: यूपी में एमएलसी चुनाव के नामांकन के दौरान बवाल, सपा प्रत्याशी के साथ हुई मारपीट

इस चुनाव में निर्दलीय और छोटे दलों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन वाला सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) अपने सभी छह उम्मीदवारों की जीत को लेकर चुनौती का सामना कर रहा है. हाल में महाराष्ट्र में हुए राज्यसभा चुनाव में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एमवीए गठबंधन को मात दी थी.

विधान परिषद चुनाव जीतने के लिए प्रति उम्मीदवार पहली वरीयता के वोटों का कोटा 26 है. भाजपा के पास 106 विधायक हैं, शिवसेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44 और राकांपा के पास 52 विधायक हैं. पिछले कुछ दिनों में चारों प्रमुख दलों ने चुनाव जीतने की अपनी रणनीति के तहत कई निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों से संपर्क किया है. सदन में निर्दलीय और छोटे दलों के कुल 25 सदस्य हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को ‘क्रॉस वोटिंग’ की संभावना से इनकार करते हुए कहा था कि विधान परिषद चुनाव दिखाएगा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले एमवीए में कोई विभाजन नहीं होगा.  भाजपा ने भी विश्वास जताया है कि उसके सभी पांच उम्मीदवार जीतेंगे.

विधान परिषद के नौ सदस्यों का कार्यकाल सात जुलाई को समाप्त होने वाला है। वहीं, इस साल की शुरुआत में भाजपा के एक सदस्य के निधन के कारण 10वीं सीट पर चुनाव कराया जा रहा है.

जिन नौ सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें विधान परिषद के मौजूदा सभापति रामराजे नाइक निंबालकर और संजय दौंड (दोनों राकांपा), विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर, सुजीतसिंह ठाकुर, प्रसाद लाड (तीनों भाजपा), मराठा नेता विनायक मेटे और पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत (दोनों भाजपा के सहयोगी), राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और दिवाकर रावते (दोनों शिवसेना) शामिल हैं.

दसवीं सीट भाजपा नेता आर. एन. सिंह के निधन के कारण रिक्त हुई थी. राकांपा ने रामराजे नाइक निंबालकर और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को मैदान में उतारा है.  खडसे भाजपा छोड़कर शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे. वहीं, शिवसेना ने पार्टी पदाधिकारी सचिन अहीर और अमश्य पड़वी को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने मुंबई इकाई के अध्यक्ष भाई जगताप और पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे को चुनाव में खड़ा किया है. भाजपा ने निवर्तमान विधान पार्षद लाड और दारेकर को फिर से टिकट दिया है.  उसने इनके अलावा राम शिंदे, उमा खापरे और श्रीकांत भारतीय को भी मैदान में उतारा है.

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