नयी दिल्ली, 23 नवंबर दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगभग दस दिनों बाद सोमवार को ‘‘अत्यंत खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई और धीमी हवाओं के कारण अगले दो दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है। सरकारी एजेंसियों ने यह जानकारी दी।
रविवार को दिल्ली के 'पीएम 2.5' प्रदूषण में पराली जलाये जाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी रविवार को 12 प्रतिशत थी जबकि सोमवार को यह छह प्रतिशत थी।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मोबाइल ऐप समीर के अनुसार सोमवार की सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया जबकि शाम को यह 302 पहुंच गया। यह रविवार को 274 था।
शनिवार को यह 251, शुक्रवार को 296, बृहस्पतिवार को 283 और बुधवार को 211 था।
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राजधानी का एक्यूआई दिवाली के बाद 15 नवम्बर से ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ था लेकिन बाद में इसमें सुधार हुआ था और रविवार तक यह ‘खराब’ या ‘मध्यम’ श्रेणी में बना हुआ था।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार हालांकि पराली जलाये जाने की घटनाएं कम हो गई है।
सफर के अनुसार, ‘‘दिल्ली की हवा में पीएम2.5 में पराली जलाये जाने की हिस्सेदारी आज छह प्रतिशत रही।’’
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