संयुक्त राष्ट्र, 9 सितंबर: भारत में कोविड-19 (COVID19) मामलों के 43 लाख के पार पहुंचने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियां प्रकोप से निपटने के सरकार नीत स्वास्थ्य एवं सामाजिक आर्थिक प्रयासों को समर्थन दे रही हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र टीम का नेतृत्व रेजिडेंट समन्वयक रेनाटा डेसालियन कर रहे हैं. यह सरकार नीत वैश्विक महामारी के स्वास्थ्य एवं सामाजिक आर्थिक परिणामों का समर्थन कर रही है जहां अब तक 43 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 80 लाख मामलों में संपर्कों का पता लगाने में मदद दी है जबकि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण में प्रशिक्षण दिया है और जीवन बचाने वाली सूचना के साथ 65 करोड़ बच्चों एवं परिवारों तक पहुंचा है. संयुक्त राष्ट्र की टीम ने निजी सुरक्षात्मक उपकरणों की भी आपूर्ति की है.
दुजारिक ने कहा कि सबसे संवेदनशील लोगों तक पहुंचने के उद्देश्य से, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने 1,00,000 प्रवासी कामगारों को सामाजिक संरक्षण तक पहुंच देने और 1,00,000 सफाई कर्मियों तक सुरक्षा किटों और 4,000 मीट्रिक टन सूखा राशन पहुंचाने में मदद की है.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने सुरक्षित कूड़ा निस्तारण विषय पर 5,300 सफाई कर्मियों को प्रशिक्षण दिया और लॉकडाउन के दौरान मुसीबत में फंसी महिलाओं के लिए हेल्पलाइन डायरेक्टरी विकसित करने में मदद भी कर रहा है तथा प्रजनन एवं सेवाओं पर दिशा-निर्देशों को समर्थन दिया है. दुजारिक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन (आईएलओ) के सहयोगियों ने लैंगिक रूप से संवेदनशील रोजगार की पुन: प्राप्ति के लिए दिशा-निर्देशों को भी समर्थन दिया है. उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र भारत में सरकार द्वारा लांछन या कलंक लगाने के विरोध में चलाए जा रहे अभियान को भी समर्थन दे रहा है."
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