अयोध्या (उप्र), 28 जनवरी : अयोध्या में भगवान श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां रोजगार की अपार संभावनाएं दिखने लगी हैं और इस शहर के युवा भविष्य में मिलने वाले अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं. देश की शीर्ष अदालत ने 2019 में जब अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या के विवादित स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था, तब दिलीप पांडेय दिल्ली में एक कपड़ा फर्म में दर्जी का काम करते थे.
अयोध्या के मूल निवासी, पांडेय 2020 में कोविड-19 की पहली लहर में अपने घर लौट आए थे और तभी उन्होंने अवसर को भांप लिया था तथा कभी वापस न लौटने का फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई और अब लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए यहां उमड़ रहे हैं. दिलीप पांडेय वर्तमान में एक छोटी परिवहन कंपनी संचालित करते हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों से अयोध्या आने वाले लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराती है. यह भी पढ़ें : Nitish Kumar Poster With PM Modi: बिहार में NDA में शामिल होते ही पटना में पीएम मोदी के साथ लगा नीतीश कुमार का पोस्टर, देखें वीडियो
नवनिर्मित राम मंदिर के उद्घाटन के साथ पांडेय (28) ने अब अयोध्या आने वाले भक्तों की भीड़ की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवसाय का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया है. पांडेय ने ‘पीटीआई-’ से बातचीत में कहा, "वर्तमान में मेरे पास तीन मध्यम आकार की वैन हैं, जिन्हें आगंतुक अयोध्या के चारों ओर यात्रा करने के लिए किराये पर लेते हैं. भक्तों की संख्या में वृद्धि के साथ, मैंने भक्तों के लिए दो एसयूवी खरीदने के लिए ऋण लेने की योजना बनाई है."