देश की खबरें | ईडी की शिकायत का संज्ञान लेने के बाद क्या अदालत गिरफ्तारी की वैधता की पड़ताल कर सकती है:न्यायालय

नयी दिल्ली, 21 मई उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर निचली अदालत के संज्ञान लेने के बाद उनकी गिरफ्तारी की वैधता की क्या रिट अदालत पड़ताल कर सकती है।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सोरेन के वकील से अदालत को पहले यह बताने को कहा कि नियमित जमानत के लिए उनकी अर्जी खारिज होने के बाद लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उन्हें कैसे अंतरिम जमानत दी जा सकती है।

पीठ ने विषय की अगली सुनवाई बुधवार के लिए निर्धारित की है।

सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी ने अदालत के सवालों का जवाब देने के लिए बुधवार तक का वक्त मांगा।

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने सोरेन की अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि उनका मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अलग है, जिन्हें आम चुनाव में प्रचार करने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी।

उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक मामला बनते पाये जाने के बाद चार अप्रैल को अभियोजन की शिकायत का संज्ञान लिया था।

ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि सोरेन ‘‘राज्य सरकार की मशीनरी का दुरूपयोग कर’’ अपने खिलाफ धन शोधन मामले की जांच प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसने लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत के उनके ‘‘विशेष अनुरोध’’ का विरोध किया है।

जांच एजेंसी ने कहा कि 31 जनवरी को सोरेन की गिरफ्तारी को झारखंड उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है और उनकी नियमित जमानत अर्जी निचली अदालत ने 13 मई को खारिज कर दी थी।

सोरेन ने 13 मई को, केजरीवाल के खिलाफ कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिये जाने के शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया था और अपने लिए भी इसी तरह की राहत देने का अनुरोध किया था।

अधिवक्ता प्रज्ञा बघेल के मार्फत दायर अपनी अपील में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने उनकी अर्जी खारिज करने में त्रुटि की।

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबद्ध है जिस बारे में ईडी का आरोप है कि इसे उन्होंने अवैध तरीके से हासिल किया है।

वह अभी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में हैं।

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