मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आंवला में भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र कश्यप, बदायूं में दुर्विजय शाक्य और आगरा से पार्टी उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल के समर्थन में अलग-अलग चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।
एटा जिले की जलेसर विधानसभा सीट आगरा लोकसभा क्षेत्र में आती है जहां बघेल के समर्थन में मुख्यमंत्री की सभा की।
आंवला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दस वर्ष में बदले भारत की तस्वीर रखते हुए आदित्यनाथ ने दावा किया कि सत्ता से वंचित होने के बाद सपा-कांग्रेस, बसपा के लोग ऐसे तड़प रहे हैं, जैसे बिन पानी मछली तड़पती है।
आदित्यनाथ ने कहा, '' हम सपा, बसपा व कांग्रेस से 10 प्रश्न पूछना चाहते हैं। कांग्रेस को 60-65 वर्ष, सपा-बसपा ने प्रदेश में तीन से चार बार शासन किया, फिर भी उन्होंने समस्याएं पैदा कीं। हम पूछना चाहते हैं कि देश के सामने पहचान, सुरक्षा का संकट पैदा करने वाले कौन हैं।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुलायम सिंह यादव (सपा संस्थापक) की मृत्यु पर हम लोग लखनऊ व सैफई गए थे, लेकिन उप्र के विकास व राम जन्म भूमि के लिए कल्याण सिंह का जीवन समर्पित रहा। सपा के मुख से उनके लिए संवेदना का एक भी शब्द नहीं फूटा, लेकिन यह लोग माफिया के मरने पर फातिहा पढ़ने गए थे।''
आदित्यनाथ ने कहा, '' ऐसे लोगों को सत्ता में आने का अधिकार नहीं है।''
बदायूं के बिल्सी में आयोजित सभा में आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर अपने ही परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर टिकट देने पर तंज कसा।
उन्होंने कहा, “ सपा ने इतनी बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है कि अखाड़ा सजने से पहले ही वह अपनी हार मान चुकी है। यहां से तो चाचा (शिवपाल सिंह यादव) ने भी पलायन करना ठीक समझा और भतीजे (धर्मेंद्र यादव) के पांव भी पहले ही उखड़ चुके हैं।”
बदायूं लोकसभा सीट से सपा ने पहली सूची में बदायूं के पूर्व सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश ने भाई धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया। अगली सूची में उनका टिकट बदल कर चाचा शिवपाल यादव को मैदान में उतार दिया गया और दो हफ्ते के प्रचार के बाद शिवपाल की जगह उनके बेटे (चचेरे भाई) आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।
आदित्यनाथ ने कहा कि सपा ने यही काम शाहजहांपुर, रामपुर और मेरठ में भी किया है, मगर जनता कह रही है कि इससे कोई फायदा होने वाला नहीं, वह सपा के पुराने सभी कारनामों का हिसाब-किताब करेगी।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को उसके घोषणा पत्र के आधार पर आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस देश के खिलाफ ‘गुप्त एजेंडे’ पर काम कर रही है।
आदित्यनाथ ने दावा किया कि पहले के प्रधानमंत्री अयोध्या जाने से संकोच करते थे, लेकिन नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो अयोध्या में राम जन्मभूमि दर्शन को गए और रामलला को 500 साल बाद उनके भव्य मंदिर में विराजमान भी कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने दावा किया, “कांग्रेस, सपा और बसपा से सावधान रहना है। इनका भारत के खिलाफ छिपा हुआ एजेंडा है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया, “ये अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में सेंधमारी करने जा रहे हैं। ये संपत्ति का सर्वेक्षण करके आपकी संपत्ति पर विरासत कर लगाने की तैयारी में हैं।”
आदित्यनाथ ने एटा के जलेसर की सभा में कहा कि कांग्रेस ने 65 वर्ष और सपा-बसपा ने लंबे समय तक शासन किया, लेकिन उन्होंने न जलेसर की सुध ली और न ही उन्हें रामलला के मंदिर के बारे में अता-पता था।
आदित्यनाथ ने सपा, बसपा व कांग्रेस पर आस्था व सुरक्षा के साथ खेलने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस व ‘इंडिया’ गठबंधन का घोषणा पत्र कहता है कि वे भारत के अंदर व्यक्तिगत कानून यानी ‘तालिबानी व्यवस्था’ को लागू करना चाहते है।
उप्र की बेहतर कानून व्यवस्था की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा, सपा व कांग्रेस के समय रंगदारी वसूली होती थी, अब स्वनिधि का लाभ दिया जा रहा है।
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