विदेश की खबरें | अफगानिस्तान के खातों से रोक नहीं हटायी गई तो उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है: कुरैशी

इस्लामाबाद, चार दिसंबर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि यदि अफगानिस्तान की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए उसके प्रतिबंधित खातों से रोक नहीं हटायी गई तो उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है।

कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान 19 दिसंबर को मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करेगा।

कुरैशी ने लाहौर में संवादददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को देखते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद का 17वां असाधारण सत्र 41 साल बाद आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि अफगानिस्तान की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया तो मानव त्रासदी हो सकती है।’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की आधी आबादी भोजन की कमी का सामना कर सकती है।

अफगानिस्तान के खातों पर लगी रोक हटाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि अफगानिस्तान की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए उसके प्रतिबंधित खातों से रोक नहीं हटायी गई तो उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है

अगस्त के मध्य में तालिबान के देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद अमेरिका ने अफगान सेंट्रल बैंक की 9 अरब अमरीकी डालर से अधिक की संपत्ति पर रोक लगा दी थी।

तालिबान नीत अफगानिस्तान सरकार ने कड़ाके की सर्दी से पहले लोगों को हो रही कठिनाइयों का हवाला देते हुए अमेरिका से देश के खातों पर से रोक हटाने का अनुरोध किया है।

अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को रेखांकित करते हुए कुरैशी ने कहा कि इससे एक नया शरणार्थी पलायन शुरू हो सकता है। उन्होंने दुनिया से युद्ध से तबाह देश की मौजूदा स्थिति को समझने के लिए कहा। कुरैशी ने कहा कि बैठक में शामिल होने के लिए पी5 देशों और यूरोपीय एजेंसी को भी आमंत्रित किया गया है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस को पी-5 के नाम से जाना जाता है।

इससे पहले सऊदी अरब ने मुस्लिम देशों के सबसे बड़े निकाय ओआईसी की असाधारण बैठक बुलाई थी। पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में बैठक की मेजबानी करने की पेशकश की थी।

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