Afghanistan Crisis: काबुल हवाईअड्डे पर अफगान अधिकारी की हत्या, पंजशीर के आसपास एकत्रित हुए तालिबान लड़ाके
इस बीच काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को ‘जन विद्रोह’ से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया. अन्य पंजशीर प्रांत में जमा हुए जो अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है.
नई दिल्ली: तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार के सुरक्षा बल (Security Forces) भाग निकले हैं लेकिन कुछ हथियारबंद अफगान काबुल हवाईअड्डे (Kabul Airport) पर मौजूद हैं और वहां से लोगों को निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे पश्चिमी देशों एवं अन्य की मदद कर रहे हैं. यह साफ नहीं है कि वे अफगान सीमा बलों से हैं या नहीं जो कभी हवाईअड्डे की सुरक्षा में तैनात रहते थे या फिर वे पश्चिमी सेनाओं (Western Armies) के साथ निजी सुरक्षा गार्डों के रूप में तैनात हैं जो अभी फिलहाल वहां की सुरक्षा को देख रही है. Taliban राज लौटते ही महिलाओं के लिए जहन्नुम बना अफगानिस्तान, तालिबानी लड़ाकों के लिए मांगी गई 15 साल से ऊपर की लड़कियों की लिस्ट
सोमवार तड़के, मुठभेड़ हवाईअड्डे के उत्तरी द्वार पर हुई. गोलीबारी किसने शुरू की और किन हालात में हुई यह भी अभी साफ नहीं है. जर्मन सेना ने ट्वीट करके बताया कि सोमवार को स्थानीय समयानुसार करीब पौने सात बजे हुई इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं.
अमेरिकी सेना और नाटो ने गोलीबारी की घटना के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है. तालिबान ने भी घटना की पुष्टि नहीं की है. तालिबान ने अफरा तफरी भरे बचाव अभियान के लिए अमेरिकी सेना को दोष दिया है और कहा है कि अफगान लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं हैं. हवाईअड्डे की परिधि में एकत्र भीड़ को काबू में करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोली चलाई और लोगों पर लाठियां चलाईं. काबुल हवाईअड्डे पर इस्लामिक स्टेट से संबंधित स्थानीय संगठनों द्वारा हमले का भी खतरा है.
इस बीच काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को ‘जन विद्रोह’ से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया. अन्य पंजशीर प्रांत में जमा हुए जो अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है.
तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है. अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं. मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही. हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं.’’
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