नयी दिल्ली, 2 मार्च : हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में हाल में आई गिरावट पर दाखिल जनहित याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को फैसला सुना सकता है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ शेयर बाजार के लिए मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के मकसद से विषय विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के संबंध में अपना फैसला सुना सकती है.
शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखते हुए प्रस्तावित विशेषज्ञ पैनल पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. पीठ ने कहा कि वह निवेशकों के संरक्षण के लिए पूरी पारदर्शिता चाहती है. उसने प्रस्तावित समिति के कामकाज पर किसी सेवारत न्यायाधीश के निगरानी रखने की संभावना को भी खारिज कर दिया था. यह भी पढ़ें : Bombay High Court on Love Jihad: कपल का धर्म अलग होने से उनके रिश्ते को नहीं दे सकते लव जिहाद का एंगल
इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में अब तक चार जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. वकील एम. एल. शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं. गौरतलब है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ कई आरोप लगाए जाने के बाद, समूह के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आई है. हालांकि, समूह ने उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज किया है.