देश की खबरें | आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, उग्रवाद, मादक पदार्थों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की: शाह

देहरादून, 28 नवंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार की सख्त नीतियों के कारण पिछले 10 सालों में देश के चार नासूरों-जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है।

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 99वें ‘फाउंडेशन कोर्स’ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने एक बार फिर दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और मादक पदार्थ देश में चार बड़े नासूर थे । मोदी सरकार की सख्त नीतियों के कारण पिछले 10 साल में इन सभी चार क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल हुई ।’’

अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए डेढ़ सौ साल पुराने कानूनों के स्थान पर लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि इन नए कानूनों के पूरी तरह लागू होने के बाद देश में कहीं भी दर्ज होने वाली प्राथमिकी में तीन साल के अंदर उच्चतम न्यायालय तक न्याय मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि नए कानूनों में तकनीक के उपयोग से दोष सिद्धि की दर अगले 10 साल में 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और हमारी न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी।

कार्यक्रम में मौजूद चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाओं के होने का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब तक देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होंगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी की महिला नीत विकास की अवधारणा पूरी नहीं होगी ।

शाह ने मौजूद अधिकारियों को 'एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाले शिल्पियों का समूह' बताया जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है ।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले 25 वर्षों में एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में योगदान देंगे।’’

शाह ने कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे और इसे साकार करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सिविल सेवा में ‘स्व से पर’ यानी ‘अपने से पहले’ दूसरों के बारे में विचार करने से बड़ा कोई मंत्र नहीं है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के सरकार के समग्र द्रष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई भी गतिविधि पृथकत्व में परिणाम नहीं दे सकती । उन्होंने सामाजिक समरसता की दिशा में भी यही दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब तक हर व्यक्ति को समान अवसर नहीं मिलेगा, देश विकास की राह पर नहीं बढ़ सकता।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना है लेकिन इन पर अमल करना अधिकारियों का काम है। उन्होंने कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और हर घर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना अधिकारियों का दायित्व है।

शाह ने जीएसटी को देश के आर्थिक विकास की धुरी बताते हुए कहा कि 'मेक इन इंडिया' आने वाले दिनों में देश का गौरव बनने वाला है क्योंकि भारत आज दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।

शाह ने कहा कि चिंता की जगह चिंतन और व्यथा की जगह व्यवस्था से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

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