मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि 22-23 जनवरी की दरमियानी रात पुलिस उप निरीक्षक मुनेश कुमार को गोली मारकर फरार होने के आरोपी विनय वर्मा की शनिवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से उपचार के दौरान मौत हो गयी।
उन्होंने बताया कि जनवरी में कंकरखेडा थाना क्षेत्र के एच. आर. मंडप के सामने से तीन बदमाशों ने एक गाड़ी को लूट लिया था और जब पुलिस ने उनका पीछा किया तो उन्होंने पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
सजवाण ने बताया कि इस गोलीबारी में चौकी इंचार्ज मुनेश कुमार को सीने में गोली लगी थी लेकिन किसी तरह उनकी जान बच गयी।
एसएसपी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन बदमाशों विनय वर्मा, अनुज और नरेश सागर की पहचान की गयी। इसके बाद विनय वर्मा और अनुज पर 25-25 हजार रुपये का इनाम मेरठ पुलिस ने घोषित किया।
उन्होंने बताया कि आज शाम पुलिस ने दो अभियुक्तों विनय वर्मा और नरेश सागर को गिरफ्तार किया जो बस से आगरा भागने की फिराक में थे।
एसएसपी के मुताबिक पुलिस की टीम विनय वर्मा को घटना में प्रयुक्त असलाह बरामद करने के लिए उसके बताए ठिकाने पर ले गई। उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचते ही वर्मा ने भागने की कोशिश की और अर्ध स्वचालित हथियार से सिपाही सुमित चपराणा पर गोली चला दी जो उसके हाथ में लगी।
सिपाही को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया और अन्य थानों और एसओजी तथा सर्विलांस की टीमों की मदद से पुलिस ने घेराबंदी कर विनय की तलाश शुरू की।
उन्होंने बताया कि थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र के जगेठी के जंगल में विनय वर्मा ने फिर से पुलिस टीम पर गोलीबारी की, जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के मुताबिक उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया और वहां उसकी मौत हो गयी।
सजवाण ने बताया कि विनय वर्मा पर छह से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
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