मुंबई: पुणे की एक विशेष अदालत ने वसूली मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम कानून (मकोका) के तहत आरोप का सामना कर रहे एक डॉक्टर को तब अस्थायी जमानत दे दी जब उन्होंने कहा कि वह सरकारी ससून अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने को तैयार हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (मकोका के अंतर्गत विशेष न्यायाधीश) ए एन सिरसिकर ने यरवदा जेल में बंद डॉ. इंद्रकुमार भिसे को 60 दिनों के लिए अस्थायी जमानत दे दी. महिला रोग विशेषज्ञ भिसे (52) पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री महादेव जानकर से 30 करोड़ रुपये वसूली की कोशिश करने का आरोप है. मधुमेह से पीड़ित भिसे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान ससून अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों की सेवा करने की इच्छा जतायी.
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी के मुताबिक वह महिला रोग विशेषज्ञ हैं और उन्हें 20 साल का अनुभव है। मुझे लगता है कि याचिकाकर्ता की सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह भी पढ़े. यूपी: गौतमबुद्धनगर के गांव में एक पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित पाया गया: 1 जून 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी के मुताबिक वह महिला रोग विशेषज्ञ हैं और उन्हें 20 साल का अनुभव है. मुझे लगता है कि याचिकाकर्ता की सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. ’’ न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि समाज के व्यापक हित में कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी जाए. आदेश के मुताबिक भिसे को एक सप्ताह में पांच बार सेवा देनी होगी और जमानत पर रहने के दौरान अभियोजन के गवाह पर दबाव नहीं डाला जाएगा.
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