नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर गलत सूचनाओं की निगरानी के महत्व को रेखांकित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि प्रिंट मीडिया की तरह ही सोशल मीडिया की जवाबदेही भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के छात्रों को संबोधित करते हुए बिरला ने यह बात कही ।
अपने संबोधन में श्री बिरला ने कहा कि पत्रकारों को समाज का ‘‘विवेक रक्षक’’ करार दिया और कहा कि समाज की दृष्टि और बौद्धिक चेतना को राष्ट्र के अनुकूल बनाए रखना उनका दायित्व है।
उन्होंने सलाह दी कि पत्रकार सच्चाई के साथ खड़े रहें, निर्भीक रहें, निडर रहें और निष्पक्ष रहें क्योंकि यही उनका कर्त्तव्य है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक बिरला ने पत्रकारिता के मूलमंत्र के विषय में महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए याद दिलाया कि एक पत्रकार का कर्तव्य है कि वह देश के जनमानस को समझकर बिना किसी भय के उसे मुखर अभिव्यक्ति दे।
उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार का दायित्व है कि वह देश की सामाजिक राजनैतिक चेतना का वाहक हो। पत्रकारिता का उद्देश्य मात्र समाज सेवा ही होना चाहिए।’’
गलत सूचनाओं के प्रवाह पर छात्रों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करते हैं जिनकी नगिरानी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रिंट मीडिया की भांति ही सोशल मीडिया की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए क्योंकि गलत सूचनाओं के प्रसार से समाज में गलत संदेश जाता है।’’
बिरला ने कहा कि प्रिंट मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के बढ़ते आयाम से पत्रकारिता का दायरा अतीत की तुलना में व्यापक रूप से बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल मीडिया की पहुंच और शक्ति बढ़ी है, परंतु इससे उसका दायित्व भी कई गुना बढ़ गया है।’’
उन्होंने कहा कि मीडिया को जिम्मेदार, जवाबदेह और सभी तक पहुंच सुनिश्चित करने वाला होना चाहिए।
मीडिया की सरकारों और राजनैतिक दलों की जवाबदेही तय करने की भूमिका के विषय में बिरला ने कहा कि यह कार्य जनसरोकारों को केंद्र में रखकर ही होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मीडिया शासन-प्रशासन तथा जनता के बीच द्विपक्षीय संवाद को सुगम बनाता है और दोनों के बीच पुल का काम करता है।
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