एमसीडी चुनाव: आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सत्ता छीन ली और सभी की निगाहें अब इस ओर हैं कि एमसीडी का अगला महापौर कौन होगा. इस बीच, भाजपा के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि उसके पार्षद को महापौर पद पर चुना जा सकता है.
आप ने एमसीडी चुनाव में बुधवार को 134 सीट जीतकर नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया. एमसीडी के 250 वार्ड में हुए चुनाव में भाजपा ने 104 सीट हासिल की, जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ नौ सीट आई.
निर्वाचन अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि चुनाव की समूची प्रक्रिया 15 दिसंबर को पूरी हो जाएगी. विशेषज्ञों और चुनाव पर नजर रखने वालों ने कहा है कि महापौर का चुनाव मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के तुरंत बाद कराना होगा.
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दावा किया कि शहर में फिर से उनकी पार्टी का महापौर होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या एमसीडी में भाजपा का महापौर होगा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, ‘‘कुछ भी हो सकता है.’’
गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? देखें कि कैसे भ्रष्टाचार का सामना कर रहे सिसोदिया और जैन के प्रतिनिधित्व वाले विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले वार्ड में आप का सफाया हो गया.’’
उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर जय प्रकाश ने कहा कि एमसीडी के कामकाज के लिए पुराने डीएमसी अधिनियम के अनुसार निर्वाचित पार्षदों के अलावा कुछ मनोनीत सदस्य भी महापौर चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं.
बहरहाल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा, आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह कवायद नाकाम साबित होगी.
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