पठान की जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस से जवाब तलब किया
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नयी दिल्ली, छह मई  राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस के एक कांस्टेबल पर कथित रूप से बंदूक तानने वाले शाहरूख पठान की जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस से जवाब मांगा है । याचिका में पठान ने दावा किया है कि जेल में बड़ी संख्या में कैदी हैं और वहां कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम बहुत अधिक है ।

अतिरिक्ति सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार मल्होत्रा ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस जारी कर आठ मई तक जमान याचिका पर जवाब देने को कहा है ।

पठान के मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता असगर खान ने आरोपी के लिये जमानत की मांग करते हुये दलील दी कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने में दो दिन की देरी की गयी ।

अधिकवक्ता ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जेल में रहना असुरक्षित है क्योंकि वहां भीड़ के कारण सामाजिक मेल जोल से दूरी का पालन करना संभव नहीं है ।

आरोपी ने जमानत की मांग करते हुये कहा है कि उसे जेल में रहते अब एक महीने से अधिक हो गया है ।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निचली अदालत से कहा था कि अगर पठान जमानत याचिका दायर करता है तो यह सुनिश्चित किया जाये कि उसकी सुनवाई दो दिन के अंदर हो ।

उच्च न्यायालय के इस निर्देश के बाद खान ने जमानत याचिका वापस ले ली और जमानत याचिका के साथ सत्र अदालत जाने की छूट मांगी थी ।

खान ने उच्च न्यायालय से कहा था कि जमानत याचिका पहले निचली अदालत में ही दायर की गयी थी लेकिन इसे सुनवाई के लिये इस आधार पर नहीं लिया गया कि यह मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है ।

पठान :23: को तीन मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था । इससे पहले दिल्ली पुलिस के निहत्थे हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक ताने हुये पठान की तस्वीर वायरल हो गयी थी ।

पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दं​ड संहिता की विभिन्न धाराओं एवं शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था । बाद में पुलिस ने कहा कि जिस बंदूक का इस्तेमाल पठान ने किया था उसे बरामद कर लिया गया है ।

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