पुणे, 11 दिसंबर महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को सतारा जिले के एक जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा तीन अन्य के खिलाफ एक आरोपी की जमानत याचिका पर अनुकूल निर्णय देने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया।
एसीबी ने कहा कि किशोर खरात और आनंद खरात नामक दो व्यक्तियों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धनंजय निकम की ओर से कथित तौर पर रिश्वत में इस रकम (पांच लाख) की मांग की थी।
इसने कहा, “शिकायतकर्ता महिला के पिता को इस वर्ष अक्टूबर में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं तथा उनकी जमानत याचिका न्यायाधीश निकम के समक्ष लंबित है।”
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने आरोप लगाया कि न्यायाधीश निकम के निर्देश पर आनंद और किशोर खरात ने शिकायतकर्ता से उसके पिता की जमानत याचिका मंजूर करने के लिए कथित तौर पर पांच लाख रुपये मांगे।
इसके बाद महिला ने एसीबी से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।
एसीबी ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के दौरान यह बात प्रकाश में आई कि न्यायाधीश निकम ने खरात और एक अज्ञात व्यक्ति के माध्यम से शिकायतकर्ता से कथित तौर पर पांच लाख रुपये मांगे और दो आरोपियों के माध्यम से इसे स्वीकार करने का प्रयास किया।
इसने कहा कि चारों व्यक्तियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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