मुम्बई में ठहरे क्रूज जहाज के 93 नाविकों ने गोवा के मुख्यमंत्री से मदद मांगी
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पणजी, 13 अप्रैल मुम्बई में फिलहाल ठहरे एक क्रूज जहाज में सवार गोवा के 93 नाविकों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से वापसी के लिए मदद मांगी है।

अधिकारियों ने बताया कि ये 93 नाविक क्रूज जहाज ‘कर्णिका’ के 450 सदस्यीय चालक दल का हिस्सा हैं। यह जहाज 124 यात्रियों को दुबई पहुंचाकर पिछले महीने मुम्बई लौटा था।

एक अधिकारी के अनुसार गोवा के बंदरगाह मंत्री माइकल लोबो ने इन लोगों की वापसी का मुद्दा राज्य सरकार के सामने उठाया था।

अधिकारी के मुताबिक तब यह तय किया गया कि मुम्बई से आने के बाद उन्हें 14 दिनों के लिए पृथक वास में रखा जाएगा और फिर घर जाने दिया जाएगा।

पिछले सप्ताह गोवा सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर इन नाविकों को राज्य में नहीं आने देने का निर्णय लिया था। उससे पहले इन नाविकों ने राज्य प्रशासन से वहां उतरने देने का अनुरोध किया था।

राज्य सरकार ने कहा था कि गोवा के इन नाविकों को राज्य में आने की इजाजत दिये जाने से पूर्व कोरोना वायरस से संबंधित पृथक वास व्यवस्था से गुजरना होगा।

सोमवार को सावंत को भेजे पत्र में गोवा के इन 93 नाविकों ने उनकी वापसी में सहयोग के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।

इन 93 नाविकों ने पत्र में लिखा है, ‘‘ पिछले साल कोरोना वायरस के फैलने से लेकर अब तक हमारे जहाज पर इस बीमारी का एक भी मामला नहीं है। इसके अलावा, कर्णिका के चालक दल के किसी भी सदस्य में कोरोना वायरस के लक्षण नजर नहीं आये हैं।’’

इस पत्र के साथ ही चालक दल के इन सदस्यों ने अपने इस दावे के समर्थन में जहाज के एक डॉक्टर से मिले प्रमाणपत्र को भी संलग्न किया है कि उनमें कोई संदिग्ध लक्षण नहीं हैं।

उन्होंने लिखा है कि क्रूज जहाज एक मार्च को 124 यात्रियों को लेकर मुम्बई से दुबई रवाना हुआ था।

उन्होंने लिखा, ‘‘ जहाज पांच मार्च को दुबई पहुंचा और वहां सभी यात्री उतर गये। कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर जहाज के मालिक/संचालक ने बिना किसी अन्य व्यक्ति को लिये जहाज को वापस मुम्बई लाने का निर्णय लिया।’’

पत्र के अनुसार यह जहाज 12 मार्च को मुम्बई पहुंचा। बंदरगाह जनस्वास्थ्य कार्यालय ने सभी चालक दल सदस्यों को चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ बताया।

पत्र के मुताबिक विभिन्न यात्रा परामर्श और कोविड-19 को फैलने से रोकने में सहयोग के तौर जहाज के मालिक/संचालक ने एहतियात के तोर पर स्वयंघोषित पृथक वास के तौर पर जहाज को मुम्बई के बाहरी इलाके में ठहराने का निर्णय लिया।

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