इम्फाल, आठ मई मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ दिन में पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा में 60 लोगों की मौत हो गयी और 231 लोग घायल हो गए।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मृतकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये तथा मामूली रूप से घायल लोगों को 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत-बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं। मैं लोगों से जल्द से जल्द शांति का माहौल बनाने की अपील करता हूं।’’
सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान मंदिरों तथा गिरजाघरों समेत 1,700 इमारत और मकान जला दिये गये। उन्होंने कहा कि उन लोगों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद राहत शिविरों में फंसे 20,000 से अधिक लोगों को आज सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। 10,000 और लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षाबल के कर्मियों से 1,041 बंदूक लूटी गयी जिनमें से 214 बरामद कर ली गयी है।
उन्होंने बंदूक लूटने वाले लोगों से उन्हें नजदीकी पुलिस थाने में लौटाने के लिए कहा और ऐसा न करने पर ‘‘व्यापक तलाश अभियान’’ शुरू किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि सरकार ने चुराचांदपुर, उखरुल, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों के फंसे लोगों को वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस अधीक्षकों को संवेदनशील इलाकों की पहचान करने तथा मालिकों की अनुपस्थिति में भूमि और संपत्ति की चौबीसों घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें लूट या ऐसे जमीन और संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।’’
मुख्यमंत्री के सुरक्षा सलाहकर कुलदीप सिंह ने कहा कि मणिपुर में स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि दंगे में शामिल बदमाशों के खिलाफ 218 प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)