कोविड-19 के 6.39 प्रतिशत मामलों में अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्रालय
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नयी दिल्ली, 20 मई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में कोविड-19 के वर्तमान में जितने मामले हैं उनमें 6.39 प्रतिशत मरीज को अस्पताल में उपचार कराने की जरूरत है।

कोविड-19 के बारे में संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि करीब 2.94 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन सहायता देने की जरूरत है, तीन प्रतिशत को आईसीयू (सघन चिकित्सा कक्ष) की और 0.45 प्रतिशत मामलों में जीवनरक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर सपोर्ट) की जरूरत है ।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के मामलों में केवल 6.39 प्रतिशत में आक्सीजन सहायता या आईसीयू या वेंटिलेटर की जरूरत है। जल्द पहचान हो जाने से कई लोग ठीक हो रहे हैं । हम स्वास्थ्य ढांचे को भी उन्नत बना रहे हैं । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान हमने ऑक्सीजन सहायता वाले बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सहित अस्पतालों की आधारभूत संरचना को उन्नत बनाया है। हमारी कोशिशों ने विश्वास बढ़ाया है कि हम राज्यों के साथ मिलकर कोविड-19 के मामलों से निपटने के लिए तैयार हैं और साधन भी हैं । ’’

अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी स्थिति रिपोर्ट से आंकड़ों का विश्लेषण किया है और पाया है कि दुनिया में प्रति लाख आबादी पर 62 लोग प्रभावित हुए हैं जबकि भारत में प्रति लाख आबादी पर 7.9 लोग प्रभावित हुए हैं ।

संयुक्त सचिव ने कहा, ‘‘इतनी ही आबादी के बावजूद शीर्ष 15 देशों में कोविड-19 के कुल मामले भारत की तुलना में 34 गुणा अधिक है तथा इतनी ही आबादी की तुलना में कुल मृत्यु भारत की तुलना में शीर्ष 15 देशों में 83 गुणा ज्यादा है। ’’

उन्होंने कहा कि अब तक भारत में प्रति लाख आबादी पर 0.2 मौत हुई है जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 का है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘मौत होना दुख की बात है लेकिन हमने पाया है कि छह देशों में कोविड-19 से 10,000 से ज्यादा मौतें हुई है । तुलनात्मक रूप से हमने हालात को राज्यों और जनता की मदद से अच्छे से संभाला है , इसके बावजूद चुनौतियां बरकरार हैं । ’’

अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल ठीक होने की दर 39.62 प्रतिशत है जबकि लॉकडाउन के आरंभ में यह दर 7.1 प्रतिशत थी ।

क्या सरकार कोविड-19 के उपचार की योजना से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को हटाने पर विचार कर रही है, इस सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि इसके असर के बारे में समीक्षा के बाद इस पर कोई फैसला होगा ।

आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख रमण आर गंगाखेडकर ने कहा कि मंगलवार को दोपहर साढ़े 12 बजे तक कोविड-19 की 25.36 लाख जांच हुई है । दूसरी बार, 24 घंटे के भीतर एक लाख से ज्यादा जांच हुई ।

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