कोरोना वायरस संक्रमण के 45 प्रतिशत मामले बिना लक्षण वाले, चेक-अप के दौरान बढ़ी मुश्किलें
कोरोना वायरस संक्रमण को ले कर हाल में हुए अध्ययनों की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि संक्रमण के करीब 45 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए और इस प्रकार का संक्रमण लोगों के शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों की बड़ी संख्या पर अध्ययन की जरूरत है.
लॉस एंजिलिस, 13 जून: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को ले कर हाल में हुए अध्ययनों की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि संक्रमण के करीब 45 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए और इस प्रकार का संक्रमण लोगों के शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा सकता है. अमेरिका (America) के स्क्रिप्स रिसर्च टॉन्सलेशनल इंस्टीट्यूट के एरिक टोपोल सहित कई वैज्ञानिकों ने नोवल कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों के आंकडों की समीक्षा की.
'अनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 संक्रमण (SARS-COV-2) के कुल मरीजों में 40 से 45 प्रतिशत मरीज बिना किसी लक्षण वाले हो सकते हैं और संक्रमण फैलने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय है. टोपोल कहते हैं, "संक्रमण का इस तरह से फैलना इसे नियंत्रित करने के काम को और चुनौतीपूर्ण बना देता है."
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उन्होंने कहा, "हमारी समीक्षा जांच की जरूरत को रेखांकित करती है. यह स्पष्ट है कि बिना लक्षण वाले संक्रमण की उच्च दर को देखते हुए हमें अपना दायरा बढ़ाने की जरूरत है अन्यथा वायरस हमें चकमा देता रहेगा." समीक्षा शोध के अनुसार बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीज लंबे समय तक संक्रमण फैला सकते हैं और यह वक्त 14 दिन से अधिक भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों की बड़ी संख्या पर अध्ययन की जरूरत है.
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