नयी दिल्ली, 29 नवंबर : दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रहने वाले 39 फीसदी से ज्यादा बुजुर्गों को वसीयत बनाने पर या उनके बच्चों को यह पता चल जाने पर कि वसीयत उनके पक्ष में नहीं है, अपने बच्चों के हाथों प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है. यह अध्ययन नवंबर के पहले सप्ताह में ‘ऐजवेल रिसर्च एंड एडवोकेसी सेंटर’ तथा 55 स्वयंसेवकों ने दिल्ली-एनसीआर में किया था. इसके लिए उन्होंने 500 बुजुर्गों से बातचीत की थी. अध्ययन के अनुसार, इन 500 बुजुर्गों में से 298 ने बताया कि उन्होंने अपनी वसीयत तैयार करवा ली है और 132 ने बताया कि वे वसीयत बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि बाकियों का ऐसा कोई विचार नहीं है.
अध्ययन के मुताबिक, 430 बुजुर्गों में से 39.1 फीसदी या 168 लोगों ने पहले ही वसीयत तैयार कर ली है और 132 लोग वसीयत बनाने वाले हैं. उसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल बुजुर्गों ने बताया कि वे प्रताड़ना, दुर्व्यवहार और खराब व्यवहार का सामना करते हैं. अध्ययन के अनुसार, सर्वे में शामिल 31.2 प्रतिशत (430 में से 134 लोग) लोगों ने बताया कि जब उनके बच्चों को पता चला कि वसीयत उनके पक्ष में नहीं है तो उन्होंने बुजुर्गों को नजरअंदाज करना और उन पर ध्यान देना बंद कर दिया.
हालांकि, 28.1 फीसदी बुजुर्गों ने दावा किया कि उनके बच्चों को यह पता चलने के बावजूद कि वसीयत उनके पक्ष में नहीं है, उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया. यह भी पढ़े : कांग्रेस विधायक का ‘गुंडाराज’ के खिलाफ धरना
अध्ययन में कहा गया है कि सर्वे में शामिल 500 बुजुर्गों में से 306 लोगों (61.2 फीसदी) का कहना है कि असुरक्षा की भावना और संपत्ति विवाद वसीयत बनाने में महत्वपूर्ण कारक होते हैं. सर्वे में मिले फीडबैक के अनुसार, 430 बुजुर्गों में से करीब 43 फीसदी (184 लोग) ने माना कि उन्होंने वसीयत तैयार करते हुए अपने बच्चों की सलाह ली है या लेंगे. अध्ययन के अनुसार, ‘‘सर्वे में शामिल ज्यादातर बुजुर्गों (करीब 57 फीसदी, 246 लोगों) ने दावा किया कि उन्होंने वसीयत बनाते हुए ना तो अपने बच्चों से सलाह ली और ना ही लेंगे.’’