देश की खबरें | वर्ष 2020 के दिल्ली दंगे: अदालत ने दो लोगों को जमानत दी, एक अन्य को राहत देने से इनकार

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में सोमवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी और एक अन्य को राहत देने से इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय ने आरिफ और अनीश क़ुरैशी को यह कहकर जमानत दे दी कि सिर्फ इसलिए कि वे एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा थे, इससे यह नहीं मान लिया जा सकता कि उनका इरादा हत्या करना था।

अदालत ने कहा कि मुकदमे में लंबा समय लगने की संभावना है और आवेदकों को अनिश्चित काल तक कैद में नहीं रखा जा सकता है।

न्यायमूर्ति अमित बंसल ने आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि हत्या और दंगे सहित अन्य कथित अपराधों में उसकी संलिप्तता दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री है।

मामला 24 फरवरी, 2020 को सांप्रदायिक दंगों के दौरान राहुल सोलंकी की हत्या से जुड़ा है।

प्राथमिकी में कहा गया है कि दंगाइयों में से एक ने पिस्तौल से गोली चलाई थी और गोली सोलंकी की गर्दन में लगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मुस्तकीम कथित तौर पर भीड़ का हिस्सा था और दंगों और लूटपाट में सक्रिय रूप से भाग ले रहा था और उसे वह पिस्तौल ले जाते हुए देखा गया था जिससे उसने कथित तौर पर सोलंकी की हत्या की थी।

गवाहों के बयानों पर गौर करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्यक्षदर्शी ने मुस्तकीम की पहचान सोलंकी को गोली मारने वाले व्यक्ति के रूप में की है।

अदालत ने कहा, ‘‘इन बयानों के मद्देनजर यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक की पहचान केवल 10 सेकंड के मोबाइल फोन वीडियो क्लिप के आधार पर की गई है।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि महत्वपूर्ण गवाहों की जांच अभी बाकी है, इस अदालत को इस स्तर पर आवेदक को जमानत देने का कोई आधार नहीं मिलता है।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)