उत्तराखंड की स्थापना के 20 वर्ष पूरे, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गिनवाईं सरकार की उपलब्धियां
उत्तराखंड सोमवार को अपनी स्थापना के 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया और इस अवसर पर यहां आयोजित पुलिस परेड का राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरीक्षण किया ।
देहरादून: उत्तराखंड सोमवार को अपनी स्थापना के 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया और इस अवसर पर यहां आयोजित पुलिस परेड का राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरीक्षण किया. राज्यपाल बेबी रानी ने परेड का निरीक्षण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए जनता को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति की स्थापना के साथ ही पुलिस ने कोविड महामारी के समय में भी अग्रिम मोर्चे पर रहकर जनता की सहायता की. उन्होंने कहा कि कर्तव्य का निवर्हन करते हुए लगभग 1600 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोविड 19 से संक्रमित हुए लेकिन इसके बाद भी हमारी पुलिस, डाक्टर, नर्से और सभी कर्मचारी अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं. उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं के योगदान को याद करते हुए राज्यपाल ने उनके समग्र कल्याण एवं सशक्तिकरण हेतु हर संभव कदम उठाने की जरूरत पर भी बल दिया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य निर्माण के बाद अन्य राज्यों की तुलना में राज्य की विकास की गति तीव्र हुई है. उन्होंने कहा, “किसी राज्य की विकास यात्रा में 21 वर्ष का समय बहुत लंबा नहीं होता लेकिन चीजों का जायजा लेने या यह निर्णय लेने के लिए कि हम सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं, यह यह बहुत छोटा वक्त भी नहीं है । जब मैं पीछे देखता हूं, तो मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड में हाल के वर्षों में विकास ने निश्चित रूप से गति पकड़ी है. महिलाओं को राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए रावत ने कहा, “प्रदेश में 30,000 स्वयं सहायता समूह हैं जिनमें से 18,000 सक्रिय हैं । हम इन समूहों और ग्रामीण ग्रोथ सेंटरों के जरिए महिलाओं को पांच लाख रुपये तक के ब्याज—मुक्त ऋण दे रहे हैं . यह भी पढ़े | Madhya Pradesh Road Accident: मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में 14 लोगों की मौत, पांच घायल.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, हम किसानों को भी एक लाख से तीन लाख रुपये तक के ब्याज—मुक्त ऋण देंगे. महिला उद्यमी प्रेमा भंडारी का उदाहरण देते हुए रावत ने कहा कि केवल 500 रू से उन्होंने मशरूम की खेती शुरू की थी और आज वह 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये प्रतिमाह तक की आय अर्जित कर रही हैं . जनता से प्रेमा से प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कोविड-19 के कारण घर लौटे लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सौर स्वरोजगार योजना के बारे में भी बताया . राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘विकसित होता उत्तराखण्ड : बातें कम, काम ज्यादा’ का विमोचन भी किया.
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