राज्यों को कोविड-19 रोधी टीकों की 17.56 करोड़ खुराक उपलब्ध करायी गयीं: अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर (Photo Credits-ANI Twitter)

नयी दिल्ली, 10 मई : वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने रविवार को बताया कि सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए कोविड-19 (COVID-19) रोधी टीकों की अब तक 17.56 करोड़ खुराक दी हैं और अगले तीन दिन में उन्हें 46 लाख खुराकों की आपूर्ति की जायेंगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मौजूदा टीकों की अलग-अलग दर प्रणाली के बजाए सभी नागरिकों के मुफ्त टीकाकरण के लिए केंद्रीय बजट से 35,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद ठाकुर की यह टिप्पणी आयी है.

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) केंद्र को कोविशील्ड टीके की एक खुराक 150 रुपये में और राज्यों को 300 रुपये में दे रहा है. निजी अस्पतालों को यह राज्यों के दर से दुगुनी कीमत 600 रुपये में मिल रही है. वहीं, कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक ने टीकों की एक खुराक की कीमत केंद्र के लिए 150 रुपये, राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपये तय की है. कोविड-19 रोधी दोनों टीकों की हर व्यक्ति को दो खुराक दी जा रही हैं. राज्य सभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने मुफ्त टीकाकरण का आह्वान करते हुए अपने पत्र में कहा कि संसद ने सभी को मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. यह भी पढ़ें : COVID-19 Spike: दिल्ली के सरोज अस्पताल में डॉक्टर्स सहित 86 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव, एक सर्जन की हुई मौत

उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए एक समग्र खाका तैयार करने को लेकर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जाये. ठाकुर ने राज्यों में टीकों की कमी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों के पास अब भी 72 लाख टीके उपलब्ध हैं. टीकों की और आपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘स्पूतनिक वी टीकों की 1.5 लाख खुराक पहले ही भारत पहुंच चुकी हैं और इसके अधिक मात्रा में निर्माण के लिए आरडीआईएफ ने स्थानीय भारतीय कंपनियों के साथ हाथ मिलाया है.’’ मंत्री ने कई ट्वीट कर दवाओं एवं तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति, अधिक से अधिक बिस्तर उपलब्ध कराने और महामारी से निपटने के लिए विदेशों से मिल रही मदद को विभिन्न राज्यों में वितरित करने के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों को रेखांकित किया.