देश की खबरें | बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,609 नए मामले सामने आए, तीन और की मौत
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

पटना, 22 सितम्बर बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान तीन और लोगों की मौत हो गयी जिन्हें मिलाकर राज्य में मंगलवार तक 873 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस अवधि में 1,609 नए कोविड-19 मरीजों के सामने आने से बिहार में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,71,465 हो गयी है ।

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से गया, पटना एवं सारण जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है जिन्हें मिलाकर अबतक प्रदेश में 873 लोगों ने इस महमारी में अपनी जान गवायी है।

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बिहार में सोमवार अपराह्न चार बजे से मंगलवार शाम चार बजे तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1,609 नए मामले प्रकाश में आने के साथ प्रदेश में अबतक इस बीमारी के चपेट में आने वालों की संख्या बढ़कर 1,71,465 हो गयी है।

बिहार में पिछले 24 घंटे के भीतर 1,94,088 नमूनों की जांच की गयी और कोरोना वायरस संक्रमित 1,232 मरीज ठीक हुए।

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बिहार में वर्तमान में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 13,535 है और कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर 91.60 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम सात विभागों- पथ निर्माण, जल संसाधन, स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सहकारिता एवं पर्यटन विभाग- के कुल 4,733 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं कार्यारंभ करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव हुआ है। बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कई कदम उठाये गये हैं। कल 1 लाख 94 हजार 88 नमूनों की जांच की गई। देश के किसी भी प्रान्त में एक दिन में इतने नमूनों की जांच नहीं की गई है।

उन्होंने बतया कि प्रतिदिन 11,732 नमूनों की आरटी-पीसीआर विधि से जांच की जा रही है, जिसे 23 हजार से ज्यादा तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन 3,982 ट्रूनेट जांच तथा 1 लाख 78 हजार 374 एंटीजन विधि से जांच किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अभी तक 60 लाख 63 हजार 568 नमूनों की जांच की गई है। देश में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर औसत 47,337 नमूनों की जांच की जा रही है, जबकि बिहार में 47,482 नमूनों की जांच की जा रही है यानि राष्ट्रीय औसत से बिहार ऊपर है।

नीतीश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए लोगों को राहत देने के लिए कई कदम उठाये गये। चिकित्सक, चिकित्सा कार्य से जुडे अन्य लोग, प्रशासनिक पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य लोग कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर लगातार कार्य करते रहे हैं।

कोरोना वायरस से लगातार सजग एवं सचेत रहना है। कोरोना से डरना नहीं है।

उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे-बच्चियां, अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को अनावश्यक रुप से घर से बाहर नहीं निकलने दें।

नीतीश ने कहा कि एईएस से बचाव के लिए भी कई कदम उठाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि आज स्वास्थ्य विभाग की 2,814 करोड़ रुपये की 77 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कराया गया है, इसके लिए मैं स्वास्थ्य विभाग को बधाई देता हूं।

नीतीश ने कहा कि आज आईजीआईएमएस पटना में कैंसर संस्थान का उद्घाटन किया गया है। इससे कैंसर के मरीजों को उपचार में काफी सुविधा होगी। बेतिया मेडिकल कॉलेज के एकेडेमिक ब्लॉक का उद्घाटन हुआ है।

उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत 245 करोड़ रूपये की लागत की 21 एएनएम, जीएनएम एवं पारा मेडिकल संस्थानों का उद्घाटन किया गया है।

नीतीश ने कहा कि चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, चार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों और आठ ट्रॉमा सेंटर का भी उद्घाटन किया गया है। ट्रॉमा सेंटर के बनने से लोगों को दुर्घटना की स्थिति में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि आज चार स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का भी उद्घाटन हुआ है।

नीतीश ने कहा कि आज 1,636 करोड़ रुपये की लागत से सीतामढ़ी, सीवान के मैरवां एवं वैशाली के महुआ में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया है। यहां बीएससी नर्सिंग की भी पढ़ाई होगी।

उन्होंने कहा कि नौ अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण, तीन सदर अस्पताल के निर्माण का उन्नयन, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण, 162 करोड़ रुपये की लागत से नौ अन्य स्वास्थ्य संबंधी संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है।

नीतीश ने कहा कि बीएमएसआईसीएल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रचर कॉरपोरेशन लिमिटेड) के द्वारा दवा एवं मेडिकल उपकरणों की खरीद के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराया जाता है। बीएमएसआईसीएल ने अब तक 3,250 करोड़ रुपये का कार्य पूर्ण कराया है और 15 हजार करोड रुपये से अधिक की स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित निर्माण योजनाओं पर काम जारी है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में तत्कालीन उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत जी से मुफ्त दवा वितरण योजना की शुरुआत कराई गई थी। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त दवा पहुंचायी जा रही है। वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक माह में 39 मरीज आते थे, वहीं अब 10 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

नीतीश ने कहा कि वर्ष 2005 में शिशु मृत्यु दर 61 था जो अब घटकर 32 हो गयी है। मातृ मृत्यु दर जो 2005 में 312 था, वह घटकर 149 हो गयी है। राज्य का प्रजनन दर 4.3 से घटकर 3.2 रह गयी है।

उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान इतना बेहतर तरीके से चलाया गया कि वर्ष 2010 से पोलियो का उन्मूलन हो गया, जिसकी काफी प्रशंसा हुई है। जहां पहले 23,383 कालाजार के मरीज थे,जो वर्ष 2018-19 में घटकर 252 हो गया है और इसे शून्य पर लाना हमारा लक्ष्य है।

नीतीश ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मरीज को 6,600 रुपये भी दिये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में टीकाकरण सिर्फ 18 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है।

नीतीश ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किये गये हैं और ऐसी व्यवस्था बनायी गई है कि किसी को भी इलाज के लिए मजबूरी में बिहार के बाहर जाना नहीं पड़े।

अनवर

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