भारत और इटली के बीच 15 समझौते, संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए बनी कार्ययोजना
प्रतिकात्मक तस्वीर

नयी दिल्ली, 6 नवम्बर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष गुइसेप कोंटे ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के साथ द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। भारत और इटली(Itali) के बीच 15 समझौते भी हुए और संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया।

विस्तृत चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य उपकरणों के सह विकास और सह उत्पादन के क्षेत्र समेत रक्षा भागीदारी को आगे और प्रगाढ़ करने पर सहमति जतायी।

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शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के सभी प्रारूपों की निंदा की और द्विपक्षीय स्तर पर तथा बहुपक्षीय मंच पर इसके खिलाफ मुकाबले में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी के प्रतिकूल असर से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की। मोदी ने इतालवी नेता के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि यह स्पष्ट है कि कोविड-19 महामारी द्वितीय विश्व युद्ध की तरह ही इतिहास की एक ऐतिहासिक घटना रहेगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को इस नई दुनिया के लिए खुद को अनुकूल बनाना होगा।’’ उन्होंने कहा कि महामारी से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।

बाद में मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘आज डिजिटल तरीके से शिखर सम्मेलन के दौरान सार्थक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री गुइसेप कोंटे का शुक्रिया। हमने भारत-इटली के बीच बढ़ रहे सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की। मैं कोविड के बाद की दुनिया में हमारी भागीदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आपके लक्ष्यों को साझा करता हूं।’’

समझौते पर दस्तखत से ऊर्जा, कारोबार, फिल्म निर्माण, जहाज निर्माण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। कुछ समझौते दोनों देशों के वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बीच हुए।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव संदीप चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच ‘‘बेहद सौहार्द्रपूर्ण माहौल’’ में वार्ता हुई और बातचीत में आर्थिक भागीदारी पर विशेष तौर पर चर्चा हुई।

यूरोप में भारत के लिए एक प्रमुख देश इटली, यूरोपीय संघ में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों पक्ष कई क्षेत्रों में आर्थिक जुड़़ाव का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं। वर्ष 2019 में द्विपक्षीय व्यापार 9.52 अरब यूरो का हुआ था।

क्या चीन-भारत सीमा विवाद पर भी बातचीत हुई, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई।’’