लखनऊ, 18 मई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार ‘अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ (एक्यूआईएस) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के 11 कथित सदस्यों को जमानत दे दी।
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2022 में उत्तर प्रदेश में अल कायदा और जेएमबी के लिए ‘स्लीपर मॉड्यूल’ बनाने की तैयारी में सहायता करने के आरोप में इन कथित 11 सदस्यों को पकड़ा था।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की पीठ ने इन आरोपियों की अपील को स्वीकार करते हुए शुक्रवार को उन्हें ज़मानत दे दी।
जमानत पाने वालों में मोहम्मद अलीम, मोहम्मद नवाजिश अंसारी, लुकमान, मुदस्सिर, मोहम्मद मुख्तार, मोहम्मद नदीम, हबीदुल इस्लाम, मोहम्मद हारिस, आस मोहम्मद, कारी शहजाद और अली नूर शामिल हैं।
अपीलकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि एटीएस को कानून के तहत इस मामले में 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करना था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही।
विशेष एनआईए अदालत ने 12 दिसंबर 2023 को आरोप पत्र दाखिल करने का समय बढ़ा दिया।
संपूर्ण परिस्थितियों पर विचार करते हुए, पीठ ने कहा, "जांच अधिकारी द्वारा दायर एक आवेदन पर जांच की अवधि बढ़ाने का विशेष अदालत का आदेश अवैध और कानून के खिलाफ है।"
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