देश की खबरें | विकास दुबे के मारे गये साथी के परिजन बोले— नाबालिग था कार्तिकेय, पुलिस ने किया इनकार

कानपुर (उप्र), 16 जुलाई पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गये बिकरू कांड के आरोपी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के साथी कार्तिकेय मिश्र की उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परिजन के मुताबिक वह नाबालिग था, मगर पुलिस इससे इनकार कर रही है।

कार्तिकेय के परिवार ने उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड पेश करते हुए दावा किया है कि वह नाबालिग था। इन दोनों ही दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 लिखी है। इस लिहाज से उसकी उम्र 16 साल थी।

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कार्तिकेय की मां सुमन लता उर्फ गीता के मुताबिक उनका बेटा निर्दोष था और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था। वह मेधावी छात्र था और उसने हाईस्कूल और इंटरमीडियट की परीक्षाएं बहुत अच्छे अंकों के साथ पास की थी।

गीता ने गत दो/तीन जुलाई की मध्यरात्रि को बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों द्वारा आठ पुलिसकमियों की गोली मारकर हत्या करने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि गोलियां चलने की आवाज सुनकर उनका पूरा परिवार जाग गया था। उस वक्त उसके पति गांव में नहीं थे।

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उसने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद परिजन घर से बाहर निकले तो लोगों को वहां से भागते देखा। उसने कार्तिकेय से भी कहा कि वह कुछ दिनों के लिये कहीं और चला जाए। उसे आठ जुलाई को मीडिया के जरिये अपने बेटे की फरीदाबाद में गिरफ्तारी के बारे में मालूम हुआ, मगर उसे कार्तिकेय के साथ गिरफ्तार किये गये दो अन्य लोगों के बारे में कुछ नहीं पता था। फरीदाबाद में उसका कोई रिश्तेदार भी नहीं रहता है।

गीता ने बताया कि अगले ही दिन उसे पता चला कि पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कार्तिकेय मारा गया। पुलिस ने सोची—समझी साजिश के तहत उसे मारा है।

गौरतलब है कि पुलिस ने दावा किया था कि कार्तिकेय ने नौ जुलाई को रिमांड पर कानपुर लाते वक्त रास्ते में पनकी इलाके में पुलिस का वाहन खराब होने का फायदा उठाते हुए एक पुलिसकर्मी से उसकी पिस्तौल छीनकर पुलिस दल पर गोली चलाते हुए भागने की कोशिश की। जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया था। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

इस बीच, पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में दर्ज मुकदमे में कार्तिकेय की उम्र 20 साल बतायी है।

उन्होंने कहा ''इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अपराधी बालिग है या नाबालिग। वह विकास दुबे गिरोह का सदस्य था, जिसने बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी।''

कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें कार्तिकेय की उम्र और शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि कार्तिकेय गत आठ जुलाई को फरीदाबाद में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके पास से बिकरू कांड के दौरान पुलिसकर्मियों की हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल बरामद होने का दावा किया था।

गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरम्यानी रात को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी विकास दुबे को पुलिस पकड़ने के लिए गई थी। गांव में पुलिस दल पर हमला कर दिया गया जिसमें एक क्षेत्राधिकारी समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गये थे। विकास 10 जुलाई की सुबह उज्जैन से लाये जाते वक्त कानपुर के सचेंडी इलाके में एसटीएफ के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया था।

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