जर्मन गठबंधन के शीर्ष नेता गुरुवार शाम को पेंशन सुधार के पेचीदा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मिलने वाले हैं. यह विवाद रूढ़िवादी दलों और सरकार में उनके साझेदार एसपीडी के बीच तनाव का कारण बना हुआ है.जर्मनी के चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीयू), उनकी बवेरियन सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन सोशलिस्ट यूनियन (सीएसयू) और एसपीडी के नेता राजधानी बर्लिन में गठबंधन समिति की बैठक करेंगे.
यहां पेंशन सुधारों के अलावा जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है उनमें 2035 तक कंबस्चन इंजन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना, हीटिंग एक्ट और स्वास्थ्य बीमा बचत पैकेज शामिल होने की संभावना है.
सबसे बड़ा विवाद पेंशन पैकेज को लेकर
मैर्त्स और वाइस-चांसलर लार्स क्लिंगबाइल (एसपीडी) की अध्यक्षता वाली समिति में गठबंधन गुटों और पार्टियों के प्रमुख प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस समय सबसे कठिन मुद्दा पेंशन पैकेज होगा जिसके तहत 2031 तक सेवानिवृत्ति भुगतान को वेतन से जोड़ने की कोशिश है. रूढ़िवादी ब्लॉक यानी मैर्त्स की पार्टी सीडीयू और उनकी बवेरियन सहयोगी पार्टी सीएसयू के युवा विंग के सांसद पेंशन पैकेज के विरोध में हैं. अगर युवा सांसद इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो संसद के निचले सदन यानी बुंडेसटाग में पेंशन पैकेज को लेकर गठबंधन का बहुमत खतरे में पड़ जाएगा.
तेजी से बूढ़ी हो रही यूरोपीय आबादी को सरकारी पेंशन मिलना होगा कठिन
अगर गुरुवार की बैठक से कोई ठोस परिणाम निकलता है, तो भी शुक्रवार तक उसकी घोषणा होने की उम्मीद नहीं है. गठबंधन नेताओं ने दो सप्ताह पहले और अक्टूबर में की अपनी पिछली बैठकों में भी ऐसा किया था.
सामाजिक कल्याण में होने वाले खर्च पर चांसलर का रुख
अगस्त में चांसलर मैर्त्स के इस बयान पर हल्ला मच गया था कि "कल्याणकारी राज्य जो आज हमारे पास है, उसे इस अर्थव्यवस्था के साथ फाइनेंस नहीं किया जा सकता." चांसलर मैर्त्स स्वीकार कर चुके हैं कि उनके गठबंधन में साझेदार मध्य वामपंथी पार्टी, एसपीडी के साथ सामाजिक कल्याण के बजट पर कैंची चलाना आसान नहीं होगा. उन्होंने, दोनों पार्टियों से इस मुद्दे पर मिलकर काम करने की अपील की है.
एसपीडी सोशल इंश्योरेंस सिस्टम में सुधार करने पर सहमत है जिसके तहत स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और बेरोजगारी भत्ता आता है. बढ़ती महंगाई और संघीय बजट में बढ़ते घाटे की वजह से यह किया जा सकता है. एसपीडी नेता क्लिंगबाइल ने सामाजिक कल्याण सुधारों की जरूरत पर जोर तो दिया है, लेकिन वह यह भी कहते हैं कि कर्मचारियों पर कैंची चलाने के बजाए नए किस्म के समाधान खोजने होंगे. वहीं एसपीडी का युवा संगठन यूजोस सोशल वेलफेयर में कटौती के खिलाफ है.
जर्मनों को गठबंधन सरकार के कार्यकाल पूरा करने पर संदेह
इस बीच जर्मन अखबार 'बिल्ड' ने आईएनएसए के कराए सर्वे के नतीजे छापे हैं. इससे पता चलता है कि जर्मनी के ज्यादातर लोगों को यह भरोसा नहीं है कि मौजूदा गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकेगी. वैसे जर्मनी में अगला आम चुनाव 2029 में होना चाहिए. लेकिन सर्वे में शामिल 54 फीसदी लोगों का मानना है कि फ्रीडरिष मैर्त्स के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी.
सर्वे में शामिल केवल 29 फीसदी लोगों को उम्मीद है कि सरकार 2029 तक चलेगी, वहीं 17 फीसदी लोगों ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. आईएनएसए ने 1,000 से ज्यादा वोटरों को इस सर्वे में शामिल किया था जो 21 नवंबर से 24 नवंबर के बीच हुआ. सर्वे में गलती की गुंजाइश 2.5 फीसदी तक है.
अलग अलग पार्टियों के समर्थकों की राय अलग है. मैर्त्स की रुढ़िवादी पार्टी के समर्थक मान रहे हैं कि गठबंधन बना रहेगा. दूसरी तरफ एसपीडी और ग्रीन पार्टी के समर्थकों का कहना है कि गठबंधन टूट जाएगा. एक धड़ा एएफडी पार्टी के समर्थकों का भी है जिसमें शामिल 78 फीसदी लोग मानते हैं कि गठबंधन टूट जाएगा.
एक ओर, चांसलर मैर्त्स जर्मन अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने का वादा कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश में विकास निचले स्तर पर बना हुआ है. दूसरी ओर, गठबंधन सरकार का आंतरिक कलह कई मुद्दों पर सामने आ चुका है जैसे कि जर्मनी की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति के मामले में और हाल ही में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू करने के मुद्दे पर भी.













QuickLY