Sri Lanka Economic Crisis: महंगाई, हिंसा और इमरजेंसी, जानें क्यों कंगाली के मुहाने पर खड़ा है पड़ोसी देश
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Why Sri Lanka Facing Economic Crisis, श्रीलंका, 2 अप्रैल: (Sri Lanka) इन दिनों आर्थिक तंगी (economic crisis) की आग में झुलस रहा है. वहां की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. महंगाई भी अपने चरम पर पहुंच गई है. आवश्यक वस्तुएं सेना की मौजूदगी में वितरित की जा रही हैं. श्रीलंका में आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों में तोड़ फोड़ की जा रही है. लंबे पावर कट, खाने-पीने की चीजों की किल्लत के चलते लोगों में बेहद गुस्सा है. इस बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे  (Gotabaya Rajapaksa) ने श्रीलंका में आपातकाल (Emergency in Sr Lanka) लागू कर दिया है. आइए जानते हैं वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका की ऐसी स्थिति क्यों हुई. Sri Lanka: राष्‍ट्रपति Gotabaya Rajapaksa के खिलाफ कोलंबो में विरोध प्रदर्शन के चलते लगाया गया कर्फ्यू हटा

राजपक्षे परिवार पर आरोप

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में फरवरी 2021 की तुलना में फरवरी 2022 में खुदरा महंगाई 15.1 फीसदी बढ़ गई. बेकाबू होती महंगाई से गुस्साए लोग राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. दशकों से राजपक्षे परिवार के चार भाई श्रीलंका की सत्ता पर राज कर रहे हैं, जिन पर आरोप लगते हैं कि वो निरंकुश शासक बन बैठे हैं और उन्होंने मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.

कोविड-19 ने तोड़ी कमर

हमारे पड़ोशी देश श्रीलंका की जीडीपी GDP में पर्यटन का अहम योगदान है. वहां की GDP में टूरिज्म की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा है. श्रीलंका में पर्यटन से विदेश मुद्रा भंडार में भी इजाफा होता है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ. कोरोना के चलते वहां के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. श्रीलंका अपनी खाद्य वस्तुओं के लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है. श्रीलंकाई मुद्रा में गिरावट के कारण खाद्य पदार्थों की कीमते बढ़ने तेजी से बढ़ने लगीं.

विदेशी मुद्रा भंडार में कमी 

2019 में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 बिलियन डॉलर का था, लेकिन कोरोना महामारी कारण यह गिरकर पिछले साल जुलाई में 2.8 बिलियन डॉलर पर आ गया. वहीं जनवरी 2022 में यह घट कर 2.36 अरब डॉलर रह गया था. विदेशी मुद्रा की कमी से कई देशों ने श्रीलंका में निवेश बंद कर दिया है.

रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

श्रीलंका सरकार के एक फैसले से देश में खाद्य संकट की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने घोषणा की थी श्रीलंका शत प्रतिशत जैविक खेती वाला दुनिया का पहला देश होगा. सरकार ने खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे कृषि उत्पादन में कमी आई और खाद्य संकट में बढ़ाेत्तरी हुई. एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के लगभग 90 फीसदी किसान खेती में रासायनिक पदार्थों का उपयोग करते हैं.

कर्ज का बोझ, आर्थिक आपातकाल, टैक्स में कटौती 

बीबीसी BBC की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में श्रीलंका को सात अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है. सिर्फ चीन का ही श्रीलंका पर 5 अरब डॉलर का कर्ज है. 30 अगस्त 2021 को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने जरूरी सामानों की आपूर्ति पर लगाम लगाने की घोषणा की थी.  साल 2019 में राजपक्षे सरकार ने लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने के लिए टैक्स कम कर दिया था. इससे सरकार के राजस्व पर काफी प्रभाव पड़ा और साथ ही भारी नुकसान हुआ.