पेरिस में लोगों ने ई-स्कूटरों को बैन करने के पक्ष में मतदान किया है. हालांकि हर दस में से सिर्फ एक मतदाता ने ही मतदान में हिस्सा लिया लेकिन शहर प्रशासन इस फैसले को लागू करने जा रहा है.रविवार को पेरिस में हुए मतदान में किराये के लिए उपलब्ध ई-स्कूटरों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में फैसला दिया. शहर प्रशासन ने कहा कि 89 प्रतिशत मतदाताओं ने प्रतिबंध के पक्ष में मतदाना किया जबकि सिर्फ 11 प्रतिशत ने इसका विरोध किया.
हालांकि मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा और 13 लाख योग्य मतदाताओं में से मात्र 7 प्रतिशत ने ही वोटिंग की. लेकिन मेयर ऐन हिडाल्गो ने इसे एक बड़ा जनादेश बताया. उन्होंने जनवरी में ही जन-परामर्श की खातिर इस मतदान का ऐलान किया था.
2024 में पेरिस में ओलिंपिक खेल होने हैं और ई-स्कूटरों को लेकर विवाद है क्योंकि बहुत से लोग इन्हें परेशान करने वाला साधन बताते हैं. सोशलिस्ट पार्टी की सदस्य हिडाल्गो खुद साइकल की समर्थक हैं और ई-स्कूटरों को ‘तनाव और चिंता की वजह' बताती रही हैं.
1 सितंबर से रोक
मेयर हिडाल्गो ने वोटिंग से पहले ही कह दिया था कि शहर के लोग मतदान में जो भी जनादेश देंगे, वह उसे लागू करेंगी. रविवार को ट्विटर पर उन्होंने कहा, "उन एक लाख से ज्यादा मतदाताओं का शुक्रिया जिन्होंने आज अपना फैसला जाहिर किया. स्थानीय लोकतंत्र के लिए यह एक अच्छी जीत है. पेरिस के लोगों ने बढ़-चढ़कर ई-स्कूटरों के खिलाफ फैसला दिया है और हम 1 सितंबर से इन पर रोक लगा देंगे.”
इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगती आग और उठते सवाल
वैसे पहले ही इस नतीजे का अनुमान लगाया जा रहा था और बेहद कम मतदान के बाद जानकारों ने प्रतिबंध के पक्ष में नतीजा आना तय बता दिया था. शहर में ई-स्कूटर चलाने वाली तीन कंपनियों, लाइम, डॉट और टियर ने कहा था कि उन्होंने पिछले साल 20 लाख लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में मदद की, जिनमें से 71 फीसदी 35 वर्ष से कम आयु के थे.
कंपनियों ने युवाओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए कई योजनाएं भी चलाई थीं. मसलन, जिन लोगों ने कहा कि वे मतदान में हिस्सा लेंगे, उन्हें रविवार को मुफ्त सवारी दी गई. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों को भी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए धन दिया.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में खासकर पर्यटकों के बीच ई-स्कूटर खासे लोकप्रिय हैं लेकिन उन्हें इस मतदान में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं था.
क्यों है विवाद?
ई-स्कूटरों के विरोधी कहते हैं कि इन्हें आमतौर पर पर्यटक इस्तेमाल करते हैं जिन्हें शहर के बेहद व्यस्त ट्रैफिक से निपटना नहीं आता और वे ट्रैफिक नियमों का भी उल्लंघन करते हैं.
पेरिस में रहने वाले रफाएल सिकाट कहते हैं वह अक्सर ई-स्कूटरों से हादसे होते देखते हैं. उन्होंने कहा, "मैं अक्सर, बल्कि लगभग हमेशा देखता हूं कि पर्यटक इन ई-स्कूटरों का इस्तेमाल करते हैं. वे जानते ही नहीं कि वे क्या कर रहे हैं. उनका इन पर कोई नियंत्रण नहीं होता.”
2022 में पेरिस शहर में 459 ऐसे हादसे दर्ज हुए जिनमें ई-स्कूटर शामिल थी. इन हादसों में तीन लोगों की जान गई.
एक बहस यह भी है कि ई-स्कूटर पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं या नहीं. परिवहन मंत्री क्लेमाँ ब्युएने ई-स्कूटर की पक्षधर हैं. वह कहती हैं कि ई-स्कूटरों ने कम से कम 20 फीसदी ऐसी यात्राओं को कम किया है जो जीवाश्म ईंधन के जरिए की जाती थीं.
भारत में ई-स्कूटरों में आग ने बढ़ाई सुरक्षा की चिंता
लेकिन आलोचक कहते हैं कि इन स्कूटरों की बैट्री करीब तीन साल तक चलती है और इनका इस्तेमाल ज्यादातर वे लोग करते हैं जो पहले या तो पैदल जाते थे या फिर साइकल अथवा सरकारी परिवहन प्रयोग करते थे.
वीके/एए (एपी, एएफपी)