संस्कृति और पौराणिक कथाओं में क्या है सांपों का महत्व
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

सांप को दुनिया भर की संस्कृतियों में पूजा जाता है या लोगों का उनसे डर लगता है. 2025 में चीनी राशि चक्र में सांप सबसे ऊपर है. शी जिनपिंग और जे.के. राउलिंग जैसे मशहूर लोग भी 'ईयर ऑफ द स्नेक' में पैदा हुए थे.इस साल चीनी नववर्ष का पहला दिन 29 जनवरी को पड़ा. वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक यह त्योहार, चीन और कई पूर्वी एशियाई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसे वसंत महोत्सव या चंद्र नववर्ष भी कहा जाता है. इस दौरान परिवार के लोग पारंपरिक रूप से एक साथ मिलकर भोजन करते हैं. बच्चों को अक्सर ‘होंग बाओ' नाम के लाल लिफाफों में पैसे दिए जाते हैं.

चंद्र नववर्ष की शुरुआत के साथ ही चीनी राशि चक्र भी बदलता है. यह 12 साल का चक्र है और हर साल का प्रतिनिधित्व एक जानवर करता है. राशि चक्र के बारे में कई पौराणिक कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार, जेड सम्राट नाम के एक महत्वपूर्ण चीनी देवता ने सभी जानवरों को ‘एक महान दौड़' में भाग लेने के लिए बुलाया था. इस दौड़ में जो पहले 12 जानवर आगे रहे उन्हें देवता का आशीर्वाद मिला. इन 12 जानवरों में क्रमशः चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकरी, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सुअर हैं.

'ईयर ऑफ द स्नेक' में जन्म लेने वाले प्रसिद्ध लोग

अगर आपका जन्म वर्ष 1905, 1917, 1929, 1941, 1953, 1965, 1977, 1989, 2001, 2013 या 2025 में हुआ है, तो आप सांप हैं. हर पशु वर्ष पांच तत्वों, यानी लकड़ी, आग, पृथ्वी, धातु या पानी में से एक से जुड़ा हुआ है. इसलिए, अगर ज्यादा सटीक रूप से कहा जाए, तो 2025 लकड़ी के सांप का वर्ष है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी सिंगर टेलर स्विफ्ट और बिली इलिश, ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग, दक्षिण कोरियाई गायक और ‘गंगनम स्टाइल' डांस की शुरुआत करने वाले साय, ब्रिटिश लेखक और हैरी पॉटर श्रृंखला की निर्माता जे.के. राउलिंग, अमेरिकी टॉक शो दिग्गज ओपरा विन्फ्रे जैसे प्रसिद्ध लोग 'ईयर ऑफ द स्नेक' में पैदा हुए हैं.

चीनी राशि चक्र में, सांप को बुद्धिमान, आकर्षक और सुंदर माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस राशि में पैदा हुए लोग बहुत बुद्धिमान, सहज और आकर्षक होते हैं.

सांपों की पूजा भी होती है और उनसे डर भी लगता है

दुनिया भर की पौराणिक कथाओं, धर्मों और लोककथाओं में सांपों को या तो दिव्य दूतों के रूप में पूजा जाता है या फिर लोग उन्हें दुर्भाग्य के संकेत के तौर पर भी मानते हैं.

प्राचीन मिस्र में, खड़े कोबरे को शाही शक्ति का एक प्रमुख प्रतीक माना जाता था और अक्सर फिरौन के सिर पर सजाया जाता था. उरेउस नाम से जाना जाने वाला यह कोबरा, प्राचीन मिस्र की कोबरा देवी वाडजेट का प्रतीक था, जो देश और उसके राजाओं की रक्षा करती थी.

इसके विपरीत, विशाल सर्प एपेप अराजकता और अव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता था. मिस्र की सृष्टि विज्ञान के अनुसार, एपेप हर रात सूर्य देवता ‘रा' को निगलने की कोशिश करता था जब वह धरती के नीचे से गुजरता था. हर सुबह, रा की जीत इस बात का प्रतीक थी कि व्यवस्था अराजकता पर और प्रकाश अंधकार पर जीत गया.

ज्ञान और बदलाव के प्रतीक

ग्रीक पौराणिक कथाओं में, सांप से लिपटे एस्क्लेपियस की छड़ी, चिकित्सा और उपचार का प्रतीक है. इस प्रतीक का इस्तेमाल आज भी स्वास्थ्य देखभाल में किया जाता है. सांप अपनी त्वचा बदल सकता है, जो नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है. इसलिए, सांप को चिकित्सा से जोड़ा जाता है.

इसे ग्रीक देवताओं के दूत और संदेशवाहक हर्मीस के कैड्यूसियस (सर्प दंड) के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए. हर्मीस की छड़ी पर दो सांप लिपटे हुए हैं और उसके ऊपर पंख हैं. कैड्यूसियस की उत्पत्ति की जानकारी देने वाले एक मिथक के अनुसार, हर्मीस ने अपनी छड़ी का इस्तेमाल लड़ते हुए दो सांपों को अलग करने के लिए किया था.

चीनी किंवदंती ‘लेजेंड ऑफ द व्हाइट स्नेक' में, बाई सुझेन एक सांप की आत्मा है जो महिला में बदल जाती है और एक इंसान से प्यार करती है. हालांकि, उसके नेक इरादों के बावजूद सांप होने के कारण, उसकी जिंदगी में कई मुश्किलें आती हैं और उसका अंत काफी दुखद होता है.

हिंदू धर्म में भी अहम है सांप

हिंदू धर्म की कहानियों में, सांपों या नागों को अक्सर खजाने और पानी के स्रोतों का रक्षक माना जाता है, क्योंकि ये जीवन के लिए बहुत जरूरी चीजें हैं. इसलिए, इन्हें जीवन-रक्षक वस्तुओं का संरक्षक भी माना जाता है.

इन प्रमुख नागों में से एक हैं शेषनाग, जिन्हें अनंत के नाम से भी जाना जाता है. शेषनाग अपने विशाल और कुंडली वाले शरीर पर ब्रह्मांड को संभाले हुए हैं और भगवान विष्णु को आराम करने की जगह देते हैं. शेषनाग का कोई अंत नहीं है, जिसका मतलब है कि वह अनंत काल, सृजन और विनाश के अनंत चक्रों के प्रतीक हैं जो हिंदू धर्म की मान्यताओं का आधार है.

अमेरिका के मूल निवासियों और मेसो-अमेरिकन की परंपराओं में, सांप अक्सर उर्वरता और प्रकृति के चक्र का प्रतीक होते हैं. उदाहरण के लिए, होपी लोग बारिश और अच्छी फसल के लिए प्रार्थना में स्नेक डांस करते हैं.

इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लोगों की पौराणिक कथाओं में रेनबो सर्प को सृष्टि का रचयिता माना जाता है और उनका बहुत महत्व है.

ईसाई परंपरा में, सांप एडम और ईव की उत्पत्ति की कहानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कहानी के मुताबिक, सांप ने ईव को वर्जित फल खाने के लिए बहकाया था, जिससे यह पाप और नैतिक पतन का पर्याय बन गया. हालांकि, इस कहानी में सांप की भूमिका मोक्ष और मुक्ति के विचारों को भी सामने लाती है, जो ईसाई धर्म के मुख्य सिद्धांत हैं. इसके बावजूद सांप को हमेशा धोखे और छल से जोड़कर देखा जाता रहा.

आजकल, वैज्ञानिक सांप के जहर का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियों को दूर करने की दवाएं बनाने के लिए कर रहे हैं. इससे यह साबित हो रहा है कि पुराने समय से सांप के जहर का इस्तेमाल चिकित्सा और अन्य शारीरिक जरूरतों के लिए किया जाता रहा है और मौजूदा समय में भी यह कारगर है.