Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं. इस बीच, हसीना के प्रमुख सहयोगियों ने उनके देश छोड़ने से पहले के अंतिम क्षणों का वर्णन किया है. उनके मुताबिक, दोपहर लगभग 1.30 बजे प्रधानमंत्री शेख हसीना की सुरक्षा टीम ने उनसे कहा कि उन्हें ढाका के मध्य में स्थित अपने बेहद किलेबंद महल गणभवन को छोड़ना होगा. वह राष्ट्र के नाम एक संबोधन रिकॉर्ड करना चाहती थीं. वह अपना सामान बांधना चाहती थीं. लेकिन, सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें कोई समय नहीं दिया. उन्हें और उनकी बहन को एक मोटरसाइकिल दल में ले जाया गया. वे लगभग 1.45 बजे अगरगांव में योजना आयोग की इमारत में आईं. वहां उन्हें बताया गया कि आस-पास पहले से ही लोगों की भीड़ जमा हो गई है. उन्हें अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.
इसके बाद सुरक्षा दल उन्हें पुराने तेजगांव में द्वितीय विश्व युद्ध के समय के हवाई अड्डे पर ले गए, जिसका उपयोग अब सेना के विमानन द्वारा किया जाता है. उन्हें और उनकी बहन को हवाई पट्टी पर लाया गया और वे वायुसेना के हेलीकॉप्टर में सवार हो गईं. इसके बाद वे देश से बाहर निकल गईं.
बांग्लादेश छोड़ने से पहले शेख हसीना ने क्या किया?
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस वक्त भारत में हैं. डेली सन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हसीना ब्रिटेन में शरण ले सकती हैं. जब तक वहां की सरकार द्वारा उन्हें प्रवास की इजाजत नहीं मिल जाती, तब तक वह भारत में अस्थायी रूप से रहेंगी. इसके बाद वह भारत के रास्ते लंदन चली जाएंगी. दरअसल, उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं, जो ब्रिटेन की नागरिक हैं. रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटेन में लेबर पार्टी से संसद की सदस्य हैं. हालांकि, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को राजनीतिक शरण दिए जाने के संबंध में ब्रिटेन सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है.