गाजा और लेबनान सीमा पर जंग! हिजबुल्लाह ने इजरायल पर बरसाए रॉकेट, आयरन डोम ने संभाला मोर्चा

इजरायल इस समय कई मोर्चों पर संघर्ष का सामना कर रहा है. एक ओर गाजा और राफा में हमास के खिलाफ उसकी सैन्य कार्रवाई जारी है, वहीं दूसरी ओर उसे लेबनान की सीमा पर हिज़्बुल्लाह से भी मुकाबला करना पड़ रहा है. शनिवार शाम को हिज़्बुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान से इजरायल के उत्तरी क्षेत्र पर रॉकेट हमले किए. हालांकि, इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम ने इनमें से अधिकांश रॉकेटों को गैलीली पैनहैंडल (उत्तरी इजरायल और दक्षिणी लेबनान के बीच स्थित क्षेत्र) के ऊपर हवा में ही नष्ट कर दिया.

हिज़्बुल्लाह के रॉकेट हमले

हिज़्बुल्लाह का यह रॉकेट हमला, दक्षिणी लेबनान के शहर दैर सिरिया में इजरायली हवाई हमले में एक 17 वर्षीय लड़के की मौत और छह अन्य के घायल होने के बाद हुआ. इससे पहले, शनिवार सुबह दक्षिणी लेबनान के टायर के पास बेज़ूरीह शहर में इजरायली ड्रोन हमले में ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हिज़्बुल्लाह के एक प्रमुख ऑपरेटर अली अब्द अली की मौत हो गई थी. इजरायली सेना ने मारे गए ऑपरेटर को हिज़्बुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे में तैनात 'प्रमुख आतंकवादी' के रूप में वर्णित किया. हिज़्बुल्लाह का दक्षिणी मोर्चा, इस संगठन की दक्षिणी लेबनान में गतिविधियों के लिए जिम्मेदार क्षेत्रीय कमान के समकक्ष है.

संघर्ष की शुरुआत

इस संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब 28 जुलाई को हिज़्बुल्लाह ने इजरायली कब्जे वाले गोलन हाइट्स क्षेत्र में एक फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमला किया, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई. इस हमले के बाद, इजरायल ने हिज़्बुल्लाह को हमास की तरह सबक सिखाने का संकल्प लिया. इस रॉकेट हमले के दो दिन बाद, 30 जुलाई को, इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में एक विशाल हवाई हमला किया, जिसमें हिज़्बुल्लाह के शीर्ष कमांडर फौआद शुकर की मौत हो गई. इजरायल ने गोलन हाइट्स फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमले के लिए शुकर को जिम्मेदार ठहराया था.

अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह

तब से, इजरायल लगातार लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है. लेबनान में अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को अपने नागरिकों से 'किसी भी उपलब्ध टिकट' पर देश छोड़ने का आग्रह किया, क्योंकि इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्ध और व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. ब्रिटिश सरकार ने भी अपने नागरिकों से लेबनान तुरंत छोड़ने का आग्रह किया है. हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है. ईरान और फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास का आरोप है कि हानिया को इजरायल ने मारा है. वहीं, इजरायल ने हानिया की मौत की न तो पुष्टि की है और न ही जिम्मेदारी ली है.

ईरान और अमेरिका के आरोप-प्रत्यारोप

ईरान ने भी इस्माइल हानिया की मौत में अमेरिका की भूमिका का आरोप लगाया है. वहीं, अमेरिका ने कहा है कि उसे हानिया की हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही वह इसमें शामिल था. बता दें कि हमास के राजनीतिक विंग के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या 31 जुलाई 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में एक लक्षित हमले में हुई थी. वे ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंचे थे और कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जिस घर में ठहरे थे, वहां बम धमाके में उनकी मौत हो गई. इसके बाद, ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. अमेरिका ने कहा कि वह अपने कर्मियों की सुरक्षा और इजरायल की रक्षा के लिए मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है.

इजरायल इस समय कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है, जहां एक ओर उसे हमास के खिलाफ गाजा और राफा में संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर हिज़्बुल्लाह के रॉकेट हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, और अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है. आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.