जर्मनी में मतदान जारी, अहम होगी गठबंधन में साझेदारों की संख्या
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में आज संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. नतीजे आने के बाद भी सरकार बनने में काफी वक्त लग सकता है. जानिए, किस पार्टी की क्या स्थिति है.जर्मनी में आज (23 फरवरी)संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. सीडीयू/सीएसयू के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स अगले चांसलर के लिए संभावित नामों में सबसे आगे चल रहे हैं. मैर्त्स अपनी पत्नी शार्लोट मैर्त्स के साथ वेस्टर्न होखसाउरलांड निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचे. वह जर्मन राज्य नॉर्थराइन वेस्टफेलिया के आर्न्सबेर्ग-नीडरआइमर जिले में रहते हैं.

होखसाउरलांड निर्वाचन क्षेत्र सीडीयू का मजबूत गढ़ माना जाता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी के गठन के बाद से आज तक सीडीयू कभी भी यहां डायरेक्ट मैनडेट नहीं हारी है.

एसपीडी नेता ओलाफ शॉल्त्स ने जर्मनी के ब्रैंडेनबुर्ग राज्य की राजधानी पोट्सडाम में मतदान किया. शॉल्त्स पोट्सडाम में ही रहते हैं. यह बर्लिन के नजदीक ही है. जर्मन चांसलर का आधिकारिक आवास बर्लिन में है, लेकिन कम ही चांसलर यहां रहते हैं.

मतदान से एक दिन पहले जारी पोल्स में मुख्य विपक्षी दल सीडीयू/सीएसयू 29.5 प्रतिशत वोटों के अनुमान के साथ पहले नंबर पर है. संभावित तस्वीरों में, एक स्थिर सरकार बनाने के लिए सीडीयू/सीएसयू को दो गठबंधन सहयोगियों की जरूरत होगी.

गठबंधन के लिए पार्टियों के बीच बातचीत और समझौते में कई हफ्ते लग सकते हैं. पिछले चुनाव में मतदान के 73 दिन बाद ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व में तीन दलों की गठबंधन सरकार का गठन हो पाया था.

गठबंधन सरकार में कितने पार्टनर?

रिसर्च इंस्टिट्यूट 'आईएनएसए' ने 22 फरवरी को मतदान से पहले का अपना आखिरी पोल जारी किया. इसमें सीडीयू/सीएसयू को मिल रहे मत पिछले सर्वे के मुकाबले 0.5 प्रतिशत कम हुए हैं. सीडीयू/सीएसयू के फ्रीडरिष मैर्त्स की चांसलर पद पर दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

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हालांकि संसद के निचले सदन 'बुंडेसटाग' में बहुमत हासिल करने के लिए उन्हें कम-से-कम एक और पार्टी का समर्थन चाहिए होगा. पोल्स में 21 प्रतिशत वोटों के साथ एएफडी दूसरे स्थान पर, एसपीडी 15 फीसदी मतों के साथ तीसरे और 12.5 प्रतिशत वोटों के साथ ग्रीन पार्टी चौथे नंबर पर हैं.

शॉल्त्स सरकार में घटक दल रहा एफडीपी, जिसके नेता क्रिस्टियान लिंडनर सरकार में इकॉनमी मिनिस्टर थे, उसे 4.5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. संसद में प्रवेश के लिए पार्टियों को न्यूनतम पांच फीसदी वोट चाहिए. यानी, मुमकिन है कि एफडीपी बुंडेसटाग में भी ना पहुंच पाए. जारा वागनक्नेष्ट की पार्टी बीएसडब्ल्यू को पांच प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है.

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लेफ्ट पार्टी और बीएसडब्ल्यू के वोट अहम साबित होंगे?

जहां तक चुनाव बाद के गठबंधन की बात है, तो मैर्त्स एएफडी के साथ काम करने की संभावनाओं से इनकार कर चुके हैं. हालांकि, एसपीडी या ग्रीन्स में से किसी एक के साथ दो-दलीय गठबंधन की संभावनाएं इस बात पर भी निर्भर करेंगी कि लेफ्ट पार्टी (डी लिंके) और बीएसडबल्यू को कितने वोट मिलते हैं.

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अगर इनमें से कोई भी पार्टी पांच प्रतिशत वोट मार्के पर पहुंचती है, तो बुंडेसटाग में सीटों के वितरण पर असर पड़ सकता है. ऐसे में मैर्त्स को एक की जगह दो पार्टियों के साथ मिलकर सरकार का गठन करना पड़ सकता है. इस सूरत में घटक दलों के बीच नीतिगत मुद्दों पर सहमति बिठा पाना चुनौती होगी. इसका असर सरकार की स्थिरता पर भी पड़ सकता है. शॉल्त्स की तीन दलों की गठबंधन सरकार में भी लगातार टकराव और असहमति की स्थिति बनती रही और सरकार अपना तय कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई.

कौन कर सकता है मतदान?

18 साल और इससे ज्यादा उम्र के जर्मन नागरिक वोट डाल सकते हैं. जर्मनी में योग्य मतदाताओं की संख्या कम-से-कम 5.92 करोड़ है, जिनमें करीब 23 लाख नए वोटर हैं. मतदान का समय सुबह आठ से शाम छह बजे तक है. मतदान खत्म होने के फौरन बाद वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी.

नतीजों का मोटा-माटी अनुमान जल्दी ही मिल जाएगा, लेकिन अंतिम नतीजों की आधिकारिक घोषणा अगले दिन हो सकती है. एसपीडी के नेता और वर्तमान चांसलर ओलाफ शॉल्त्स, सीडीयू/सीएसयू धड़े के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स, ग्रीन पार्टी के उम्मीदवार रोबर्ट हाबेक और एएफडी की नेता अलीस वाइडेल चांसलर पद के उम्मीदवार हैं.

यह चुनाव जर्मनी के लिए ना केवल घरेलू, बल्कि अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों के मद्देनजर भी बेहद अहम है. नई सरकार के लिए देश की कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती है. माइग्रेशन पॉलिसी को सख्त बनाना भी प्राथमिकताओं में शामिल हो सकता है.

इसके अलावा विदेश नीति के स्तर पर भी सरकार के आगे कई चुनौतियां हैं. डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दशकों से अमेरिका के साथ कायम मजबूत साझेदारी भी डंवाडोल नजर आ रही है. यूक्रेन के भविष्य पर भी अनिश्चितता मंडरा रही है.

आरएस/एसएम (डीपीए, एपी, रॉयटर्स)