Using VPN UnIslamic: VPN का इस्तेमाल गैर-इस्लामी और शरिया के खिलाफ, पाकिस्तान इस्लामिक काउंसिल ने जारी किया फतवा
पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने शुक्रवार को एक अहम बयान जारी करते हुए कहा कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग गैर-इस्लामी और शरिया के खिलाफ है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने शुक्रवार को एक अहम बयान जारी करते हुए कहा कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग गैर-इस्लामी और शरिया के खिलाफ है. इस फैसले ने देश में इंटरनेट उपयोग और साइबर सुरक्षा को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है. इस्लामी विचार परिषद के चेयरमैन डॉ. राघिब हुसैन नईमी ने कहा गैर-कानूनी कंटेंट तक पहुंचना शरिया के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि VPN का उपयोग अगर किसी गैर-कानूनी या प्रतिबंधित सामग्री तक पहुंचने के लिए किया जाता है, तो यह इस्लामी कानून के अनुसार अनुचित है.
डॉ. नईमी ने कहा कि सरकार को यह अधिकार है कि वह ऐसे कदम उठाए जिससे अनैतिक और आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच को रोका जा सके.
अवैध VPN को ब्लॉक करेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान के अधिकारियों ने शुक्रवार को देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक से अवैध वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) को ब्लॉक करने के लिए कहा, जिसमें आतंकवादी समूहों द्वारा कथित दुरुपयोग के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं बताई गईं. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को लिखे एक पत्र में आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में हिंसक गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए आतंकवादियों द्वारा वीपीएन का तेजी से शोषण किया जा रहा है.
VPN क्या है और यह विवाद क्यों?
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, जिन्हें वीपीएन के रूप में जाना जाता है, का उपयोग दुनिया भर में व्यापक रूप से ऐसी सामग्री तक पहुंचने के लिए किया जाता है जो उनके देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए दुर्गम या अवरुद्ध हो सकती है.
VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और निजी नेटवर्क का अनुभव देता है. यह आईपी एड्रेस को छुपाकर किसी की भी पहचान को सुरक्षित करता है. हालांकि, कई लोग इसे प्रतिबंधित वेबसाइटों तक पहुंचने, गैर-कानूनी गतिविधियों, या आपत्तिजनक सामग्री देखने के लिए उपयोग करते हैं. इस्लामी विचार परिषद ने इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए VPN को शरिया के खिलाफ करार दिया.