अमेरिकी सैनिक मिलिट्री ड्रिल के वक्त खाते हैं जिंदा बिच्छू और पीते हैं कोबरा का खून, PETA ने चेताया- बंद करें या फिर कोरोना जैसी दूसरी महामारी झेलने को तैयार रहें
दुनियाभर में कोहराम मचाने के बाद कोविड-19 एक बार फिर से लोगों की जिदंगियां तबाह कर रहा है. कोरोना जैसी भीषण महामारी की दूसरी लहर और भी घातक तरीके से लोगों को प्रभावित कर रही है. ऐसे में पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा सामने आई है. दरअसल, हर साल दुनियाभर से सैनिक थाइलैंड में होने वाले कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचते हैं.
दुनियाभर में कोहराम मचाने के बाद कोविड-19 (COVID-19) एक बार फिर से लोगों की जिदंगियां तबाह कर रहा है. कोरोना जैसी भीषण महामारी की दूसरी लहर और भी घातक तरीके से लोगों को प्रभावित कर रही है. ऐसे में पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा (PETA) सामने आई है. दरअसल, हर साल दुनियाभर से सैनिक थाइलैंड (Thailand) में होने वाले कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल (Cobra Gold Military Drill) में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचते हैं. अमेरिकी मरीन कॉर्प्स (US Marine Corps) भी इस ड्रिल में शामिल होती है. इस ड्रिल के दौरान सैनिक असाधारण जिंदा जानवरों को मारने और फिर उन्हें खाने का अभ्यास करते हैं ताकि वे जिंदा रह सकें. यह भी पढ़ें- मर्दानगी बढ़ाने के लिए यहां पुरुष सांप की ऐसी चीज को पीते हैं जिसे जानकार आप दंग रह जाएंगे.
दरअसल, आपको याद होगा कि जब कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैली थी तो ऐसी बातें सामने आई थीं कि चीन में किसी शख्स ने चमगादड़ खा लिया था और ऐसा दावा किया गया कि कोरोना इसी वजह से पनपकर दुनियाभर में फैल गया. हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं की है. बहरहाल, इस तरह की आशंकाओं के मद्देनजर ही पेटा ने अमेरिका के रक्षा विभाग से कहा है कि उनके सैनिक कोबरा का खून पीना बंद करें.
फरवरी 2021 में पेटा ने एक याचिका दायर की और रक्षा विभाग से कहा कि मिलिट्री ड्रिल के दौरान जानवरों को मारना बंद कर दें. दरअसल, कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल के दौरान, थाइलैंड में सैनिक और ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स अपने नंगे हाथों से मुर्गियों को मारते हैं. छिपकली और बिच्छू की खाल उतारते और उन्हें जिंदा खाते हैं. इतना ही नहीं, वे कोबरा का सिर काटकर उसका खून भी पीते हैं. याचिका में कहा गया है कि इस तरह की प्रथाओं से दुनिया कोरोना जैसी किसी दूसरी महामारी की चपेट में आ सकती है.
महामारी के कारण इस साल कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल में देरी हुई है. इसका मतलब है कि पेटा के पास अभी भी इन जानवरों को बचाने का वक्त है. जानवारों के खिलाफ इस तरह की हिंसा के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करने के लिए पेटा अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के सामने विरोध-प्रदर्शन भी करने जा रही है.