चीन की धमकी के बीच ताइवान पहुंची नैंसी पेलोसी ने की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात, ड्रैगन को दिया यह संदेश

चीन की धमकियों के बीच यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची हैं. यह देखकर चीन बुरी तरह से भड़क उठा है और लगातार चेतावनी दे रहा है. बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की.

नैंसी पेलोसी और राष्ट्रपति साई इंग वेन (Photo: ANI)

चीन की धमकियों के बीच यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान पहुंची हैं. यह देखकर चीन बुरी तरह से भड़क उठा है और लगातार चेतावनी दे रहा है. बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन (Tsai Ing Wen) से मुलाकात की. नैंसी पेलोसी ने कहा कि अमेरिका ताइवान में शांति चाहता है. हम ताइवान के साथ संसदीय आदान-प्रदान बढ़ाना चाहते हैं. ताइवान दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक है.

पेलोसी ने कहा, अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है. इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है.

राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात 

नैंसी पेलोसी ने ताइवान में मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कह दिया है कि उनका ताइवान आने के पीछे तीन अहम मुद्दे हैं. पहला-सुरक्षा, दूसरा-शांति और तीसरी अच्छी सरकार. पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची. वह ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं.

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने ताइवान यात्रा के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, 'पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे समर्पित मित्रों में से एक हैं. ताइवान के लिए अमेरिकी कांग्रेस के कट्टर समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं.

भड़क उठा है चीन

नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीन के 21 सैन्य विमान ताइवान के एयर स्पेस में मंगलवार को घुस गए थे. चीन ने राजनयिक स्तर पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि पेलोसी की यात्रा ‘एक चीन सिद्धांत’ का उल्लंघन करती है. उसने अमेरिका पर उसे नियंत्रित करने के लिए ताइवान कार्ड खेलना का आरोप लगाया.

चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि सेना उनकी यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित’ अभियान चलाएगी. बता दें कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा. चीन का कहना है कि ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी अन्य देश को यह अधिकार नहीं है कि वह ताइवान के मसले पर न्यायाधीश बनकर काम करे.”

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