US-Iran Conflict: परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद ईरान को ट्रंप की खुली धमकी, 'शांति नहीं तो और हमले होंगे'

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर "सटीक" हवाई हमले करने के बाद, ईरान को और सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर इलाके में शांति कायम नहीं हुई तो आगे और हमले किए जाएंगे. शनिवार को (अमेरिकी समयानुसार) हुए इन हमलों के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक बयान था.

व्हाइट हाउस से देश को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, "याद रखें, अभी और भी कई ठिकाने बाकी हैं. आज रात का मिशन अब तक का सबसे मुश्किल और शायद सबसे घातक था. लेकिन अगर जल्द ही शांति नहीं हुई, तो हम उन दूसरे ठिकानों पर भी पूरी सटीकता, तेज़ी और कुशलता से हमला करेंगे."

"मिनटों में तबाह कर सकते हैं दूसरे ठिकाने"

ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका की सैन्य ताकत की तारीफ करते हुए कहा कि बाकी ठिकानों को "कुछ ही मिनटों में" खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "दुनिया में कोई भी सेना ऐसा नहीं कर सकती थी जो हमने आज रात किया है, कोई आसपास भी नहीं है. ऐसी सैन्य कार्रवाई दशकों में नहीं देखी गई."

ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन रविवार को पेंटागन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

इजरायली सेना का किया धन्यवाद

ट्रंप ने इस हमले में शामिल "सैन्य जानकारों" और इजरायली सेना का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, "मैं उन महान अमेरिकी देशभक्तों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने आज रात उन शानदार मशीनों को उड़ाया. उम्मीद है, हमें भविष्य में इस तरह उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी."

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप का यह बयान कूटनीति के लिए दो सप्ताह का समय देने की बात कहने के ठीक दो दिन बाद आया है.

हमले में क्या-क्या इस्तेमाल हुआ?

एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने फोरडो परमाणु स्थल पर 6 B-2 बॉम्बर विमानों का इस्तेमाल करके एक दर्जन "बंकर बस्टर" बम गिराए. ये बम ज़मीन के नीचे बने मज़बूत बंकरों को भी तबाह कर सकते हैं.

इसके अलावा, नौसेना की पनडुब्बियों ने नतान्ज़ और इस्फहान के ठिकानों पर 30 टीएलएएम क्रूज मिसाइलें दागीं. नतान्ज़ पर दो बंकर बस्टर बम भी गिराए गए. फोरडो और नतान्ज़ ईरान के दो मुख्य यूरेनियम संवर्धन केंद्र थे.

इजरायल-ईरान संघर्ष में अब अमेरिका भी शामिल

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष का यह नौवां दिन था, जिसमें अब अमेरिका भी इजरायल के समर्थन में शामिल हो गया है. यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था जब इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर "ऑपरेशन राइजिंग लायन" नाम से एक बड़ा हवाई हमला किया था. इसके जवाब में, ईरान ने भी "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3" के तहत इजरायली ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था.