नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) एक बार फिर से भड़क गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए चीन से आने वाले सामान पर 100% का अतिरिक्त टैरिफ यानी टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली अपनी अहम बैठक को भी रद्द करने की धमकी दे डाली है.
इस फैसले से दुनिया भर के शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया है और दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. चलिए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं.
यह झगड़ा अचानक क्यों शुरू हुआ?
इस पूरे विवाद की जड़ में "रेयर अर्थ मिनरल्स" (Rare Earth Minerals) हैं. ये कुछ ऐसे खास खनिज तत्व होते हैं जो आज की टेक्नोलॉजी के लिए बेहद ज़रूरी हैं. आपके स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, सैन्य हथियारों और सोलर पैनल जैसी हर ज़रूरी चीज़ को बनाने में इनका इस्तेमाल होता है.
चीन इन खनिजों का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और प्रोसेसर है. हाल ही में चीन ने इन खनिजों के निर्यात (दूसरे देशों को बेचने) पर कुछ पाबंदियां लगा दीं. इसका मतलब यह है कि चीन अब इन ज़रूरी खनिजों को दूसरे देशों को आसानी से नहीं बेचेगा.
ट्रंप ने चीन के इसी कदम को "असाधारण रूप से आक्रामक" बताया और जवाबी कार्रवाई का ऐलान कर दिया.
ट्रंप ने क्या-क्या कदम उठाए?
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा:
- 100% टैरिफ: चीन के सामान पर 100% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. यह टैरिफ 1 नवंबर से लागू होगा. अमेरिका पहले से ही चीनी सामान पर 30% टैरिफ लगा रहा था, अब यह और बढ़ जाएगा.
- सॉफ्टवेयर पर पाबंदी: अमेरिका "किसी भी और सभी ज़रूरी सॉफ्टवेयर" के निर्यात पर भी कंट्रोल करेगा.
- बातचीत रद्द करने की धमकी: ट्रंप ने कहा कि वह कुछ हफ़्तों में दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले थे. लेकिन अब उन्हें इसका कोई कारण नहीं दिखता. यह मुलाकात ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात होने वाली थी.
ट्रंप ने लिखा, "चीन को इस बात की इजाज़त नहीं दी जा सकती कि वह दुनिया को 'बंधक' बना ले. उनका यह कदम बहुत शत्रुतापूर्ण है."
बाजार पर क्या असर हुआ?
ट्रंप के इस ऐलान के बाद दुनिया भर के निवेशकों में घबराहट फैल गई. अमेरिकी शेयर बाज़ार बुरी तरह गिर गए.
- नैस्डैक (Nasdaq) में 3.6% की गिरावट आई.
- एसएंडपी 500 (S&P 500) 2.7% नीचे गिर गया.
जब भी दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आपस में लड़ती हैं, तो इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है.
क्या यह पहली बार हो रहा है?
नहीं, अमेरिका और चीन के बीच यह ट्रेड वॉर काफी समय से चल रहा है.
- पहले भी ट्रंप चीन पर अनुचित व्यापार प्रथाओं और फेंटानिल ड्रग्स के व्यापार में मदद करने का आरोप लगाते हुए भारी टैरिफ लगा चुके हैं.
- चीन भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी सामान पर 10% का टैरिफ लगाता रहा है.
- कुछ समय पहले दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी थी, लेकिन यह शांति ज़्यादा दिन नहीं टिक सकी.
ट्रंप का यह गुस्सा इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ हफ़्ते पहले ही वह शी जिनपिंग से मिलने और अगले साल चीन जाने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि वह अमेरिकी किसानों के हितों की रक्षा के लिए चीन से सोयाबीन की खरीद पर बात करेंगे, जो उनके लिए एक बड़ा चुनावी मुद्दा था.
अब इस नए घटनाक्रम ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और दुनिया एक बार फिर से दो महाशक्तियों के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध को लेकर चिंतित है. बीजिंग की तरफ से इस पर अभी कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है.













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