
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से छह दिन के यूरोप दौरे पर हैं, जहां पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए टकराव के बारे में भारतीय पक्ष को स्पष्ट करने पर भी बात हो सकती है.- यूरोप के दौरे पर निकलने भारतीय विदेश मंत्री
- अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को कैंसर
- पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में एक और युवक गिरफ्तार
वोडाफोन आइडिया को झटका: पांच अरब डॉलर से अधिक के बकाया माफी की याचिका खारिज
भारत की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को वोडाफोन आइडिया की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें कंपनी ने सरकार से पांच अरब डॉलर से अधिक के बकाया को माफ करने की अपील की थी.
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के 2019 के उस ऐतिहासिक फैसले के बाद दायर की गई थी, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों पर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के आधार पर भारी बकाया तय किया गया था. इसके तहत कंपनियों को स्पेक्ट्रम शुल्क और राजस्व साझा करने पर अतिरिक्त देनदारी चुकानी पड़ी.
भले ही कोर्ट ने भारती एयरटेल की समान याचिका भी खारिज की, लेकिन वोडाफोन आइडिया पर इसका असर ज्यादा होगा क्योंकि सितंबर 2024 तक कंपनी का कुल कर्ज लगभग 25 अरब डॉलर था. फैसले के बाद सोमवार को कंपनी के शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट देखी गई.
कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मंत्री की माफी नामंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले मंत्री विजय शाह की माफी को नामंजूर कर दिया है. सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने एमपी सरकार में मंत्री विजय शाह की टिप्पणियों को “गंदा, अशिष्ट और शर्मनाक” करार दिया. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि शाह के बयान को लेकर पूरा देश शर्मिंदा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश भी दिया है. यह टीम मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर की जांच करेगी. दरअसल, एमपी हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शाह के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. लेकिन उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में ढिलाई बरती गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीन आईपीएस अधिकारियों की टीम शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेगी और अपनी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि एसआईटी में शामिल तीनों अधिकारी एमपी से नहीं होंगे और उनमें एक महिला अधिकारी का होना जरूरी है. वहीं, एसआईटी का नेतृत्व आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे.
मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत भी मिली है. दरअसल, कोर्ट ने इस मामले में शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. हालांकि, इसमें यह शर्त भी डाली गई है कि विजय पूरी तरह से जांच में शामिल होंगे और सहयोग करेंगे.
संभल जामा मस्जिद: इलाहबाद हाईकोर्ट ने सर्वे का आदेश बरकरार रखा
इलाहबाद हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश को बरकरार रखा है. दरअसल, संभल की सिविल अदालत में एक याचिका दायर कर दावा किया गया था कि इस मस्जिद को एक मंदिर तोड़कर बनाया गया था. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने पिछले साल नवंबर में एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. मस्जिद कमेटी ने इसके खिलाफ इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो सोमवार (19 मई) को खारिज हो गई.
कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि निचली अदालत के सिविल जज ने उन्हें नोटिस जारी किए बगैर जल्दबाजी में सर्वे का फैसला सुनाया था. सिविल कोर्ट के फैसले के बाद दो बार मस्जिद के सर्वे हो भी चुके हैं. हालांकि, इन सर्वे के बाद संभल में दंगे की स्थिति बन गई थी और हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं.
पिछले साल नवंबर में ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिविल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक सर्वे के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध नहीं हो जाती, तब तक सिविल कोर्ट इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी. अब हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी है इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सिविल कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई फिर से शुरू हो जाएगी.
जर्मनी में काम के लचीले घंटों के समर्थन में 38 फीसदी लोग
जर्मनी में कामकाज के नियमों को लेकर बड़ा बदलाव प्रस्तावित है. एक नए सर्वे के अनुसार, जर्मन कर्मचारी सप्ताह में कुल काम के घंटों को सीमित करने के विचार का समर्थन कर रहे हैं, जो अब तक प्रतिदिन आठ घंटे की सीमा पर आधारित है.
यूगव ने डीपीए के लिए किए एक सर्वे में पाया कि 38 फीसदी लोगों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 20 फीसदी ने इसका विरोध किया और 37 फीसदी इस पर तटस्थ रहे.
यह प्रस्ताव जर्मन सरकार की नई गठबंधन संधि में शामिल है. इसके तहत फिलहाल प्रतिदिन 8 घंटे काम करने की बाध्यता को खत्म कर सप्ताह भर में कुल कार्य घंटों की सीमा तय की जाएगी, जिससे कर्मचारियों को ज्यादा लचीलापन मिलेगा. उदाहरण के तौर पर, कोई कर्मचारी हफ्ते में चार दिन 10-10 घंटे काम कर सकता है, और तीन दिन की छुट्टी ले सकता है.
यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोपीय संघ ने ऑस्ट्रेलिया को सुरक्षा साझेदारी की पेशकश की
यूरोपीय संघ ने वैश्विक संकटों और यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया के साथ एक रक्षा साझेदारी की मांग की है. यह पहल अमेरिका की भूमिका को लेकर अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में सामने आई है.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रविवार को रोम में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी से बातचीत के दौरान कहा, “हम आपको एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखते हैं और इस साझेदारी को और बढ़ाना चाहते हैं.” यह बातचीत पोप लियो की पहली सामूहिक प्रार्थना के बाद विश्व नेताओं की उपस्थिति में हुई, जिसकी क्लिप वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पर साझा की.
प्रधानमंत्री अल्बानीजी ने जवाब में कहा कि ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा, “हमारे साझा मूल्य हैं, जो आज की अनिश्चित दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण हैं.”
यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता: ट्रंप और पुतिन के बीच आज अहम बातचीत
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज सोमवार को यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर बातचीत करेंगे. यह ऐलान ऐसे समय पर आया है जब यूरोपीय देशों ने रूस से तत्काल युद्धविराम की मांग की है.
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे भीषण संघर्ष शुरू हुआ. इस युद्ध में अब तक हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "इस खूनी युद्ध को रोकना, जो हर हफ्ते हजारों जानें ले रहा है, हमारी बातचीत का मुख्य विषय होगा. उम्मीद है आज एक उपयोगी दिन होगा और युद्धविराम की शुरुआत होगी. यह युद्ध कभी शुरू नहीं होना चाहिए था."
ट्रंप ने खुद को "शांति-दूत" के रूप में याद किए जाने की इच्छा जाहिर की है और कई बार इस युद्ध को अमेरिका और रूस के बीच "प्रॉक्सी वॉर" कहा है. ट्रंप ने कहा है कि जब तक वह और पुतिन आमने-सामने नहीं मिलते, तब तक शांति की दिशा में ठोस प्रगति मुश्किल है. सोमवार को अमेरिकी पूर्वी समय अनुसार सुबह 10 बजे यह कॉल निर्धारित है. क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि कॉल की तैयारियां चल रही हैं.
मेलानिया ट्रंप की मूर्ति गायब
स्लोवेनिया में मेलानिया ट्रंप की कांसे की मूर्ति अचानक से एक पहाड़ी के ऊपर से गायब हो गई है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. यह उनके पुश्तैनी शहर में लगी हुई थी, जहां से इसे आरी से काटकर गायब किया गया.
मेलानिया की यह आदमकद कांसे की मूर्ति डॉनल्ड ट्रंप के पहले राष्ट्रपति काल के दौरान साल 2020 में लगाई गई थी. यह स्लोवेनिया के मध्य में सेवनिका नाम की जगह के पास थी, जहां साल 1970 में मेलानिया क्नाव्स का जन्म हुआ था. इसे तब भी एक लकड़ी की मूर्ति की जगह पर लगाया गया था, जिसे उसी साल की शुरुआत में आग के हवाले कर नष्ट कर दिया गया था.
नेपाल के ल्होत्से पर्वत पर भारतीय और रोमानियाई पर्वतारोही की मौत
नेपाल के ल्होत्से पर्वत पर रविवार को भारत और रोमानिया के दो पर्वतारोहियों की मौत हो गई. यह पर्वत विश्व का चौथा सबसे ऊंचा शिखर है. पर्वतारोहण अधिकारियों के मुताबिक, इस सीजन में अब तक कम से कम आठ लोगों की जान जा चुकी है.
मकालू एडवेंचर कंपनी के मोहन लामसाल ने बताया कि भारत के 39 वर्षीय राकेश कुमार ने 8,516 मीटर (27,940 फीट) ऊंचाई से नीचे लौटते समय दम तोड़ दिया. लामसाल ने रॉयटर्स को बताया, “वह चौथे कैंप से नीचे आ रहे थे तभी अचानक बेहोश हो गए. उनके शेरपा गाइड ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके.”
इसी दिन 48 वर्षीय रोमानियाई पर्वतारोही बरना जोल्ट वागो की भी ल्होत्से की चढ़ाई के दौरान मौत हो गई. उनकी चढ़ाई हिमालयन गाइड्स कंपनी द्वारा आयोजित की गई थी, इसकी जानकारी कंपनी के राजन भट्टराई ने दी.
घटनाओं के अन्य विवरण अभी सामने नहीं आए हैं. नेपाल में मार्च से मई तक चलने वाले पर्वतारोहण सीजन में हर साल कई मौतें होती हैं. इस सीजन में अब तक नेपाल के हिमालय क्षेत्र में कम से कम आठ लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से दो मौतें माउंट एवरेस्ट पर हुई हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी की वजह से गिरफ्तार हुए प्रोफेसर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति दे दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि वे इस मामले को 20 या 21 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे.
प्रोफेसर अली खान को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखने के चलते हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे. उन पर अपने बयानों के जरिए देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया. कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, प्रोफेसर अली खान ने इस मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को सीजेआई बीआर गवई के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. सिब्बल ने कोर्ट से अनुरोध किया, “ऑपरेशन सिंदूर पर पूरी तरह से देशभक्ति से भरे बयान के लिए अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कृपया इसे तत्काल सूचीबद्ध करें.” इसके बाद सीजेआई गवई ने याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई.
प्रोफेसर अली खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखी थी जिसे बाद में उन्होंने हटा भी लिया था. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था, "दो महिला सैनिकों द्वारा अपने निष्कर्षों को प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह दृष्टिकोण जमीनी स्तर पर वास्तविकता में भी दिखना चाहिए, अन्यथा यह केवल पाखंड है.” अपनी पोस्ट में अली खान महमूदाबाद ने 'मॉब लिंचिंग' और 'मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने' की भी निंदा की थी.
आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में एक युवक गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने रविवार को एक व्यक्ति को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उस पर सीमा पार माल की तस्करी करने के भी आरोप हैं.
एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर काम करने वाला एक व्यक्ति पाकिस्तान की एजेंसी के इशारे पर माल की तस्करी कर रहा है और साथ ही देशविरोधी गतिविधियों में शामिल है.
जांच के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान रामपुर जिले के टांडा क्षेत्र निवासी शहजाद के रूप में की. एटीएस के अनुसार, शहजाद को मुरादाबाद से रविवार को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले हरियाणा से दो लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें एक यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी है.
सीजेआई गवई ने न्यायपालिका और संसद में से किसे बताया सुप्रीम
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने न्यायपालिका बनाम विधायिका के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया है. उन्होंने रविवार को कहा, “यह पूछे जाने पर कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद में कौन सर्वोच्च है, मैं कह सकता हूं कि सिर्फ भारत का संविधान ही सर्वोच्च है और देश के सभी तीन स्तंभ- न्यायपालिका, संसद और कार्यपालिका को संविधान के लिए मिलकर काम करना होता है.”
सीजेआई गवई के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि बीते कुछ समय से सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने राष्ट्रपति के लिए राज्य विधानसभाओं द्वारा पास हुए बिलों पर फैसला लेने के लिए समयसीमा तय कर दी थी. इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि न्यायपालिका “सुपर संसद” बनना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा था कि “संसद सर्वोच्च है” और “संविधान में संसद से ऊपर किसी अथॉरिटी की कल्पना नहीं की गई है.”
कुछ दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर विरोध जताया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 में राज्यपाल या राष्ट्रपति के लिए राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित बिलों पर कार्रवाई करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले से जुड़े 14 संवैधानिक सवाल भी पूछे थे.
आईपीएल 2025 का फाइनल अब 3 जून को होगा
गुजरात टाइटंस ने दिल्ली कैपिटल्स को 10 विकेट से हराकर आईपीएल 2025 के प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर ली. साई सुदर्शन ने 61 गेंदों में नाबाद 108 रन बनाए, जबकि कप्तान शुभमन गिल ने 53 गेंदों में नाबाद 93 रन जड़े. दोनों ने मिलकर 205 रन की अटूट साझेदारी की और दिल्ली के 199 रन के लक्ष्य को 19 ओवर में हासिल कर लिया.
दिल्ली की ओर से लोकेश राहुल ने 65 गेंदों में नाबाद 112 रन बनाए, लेकिन उनकी शतकीय पारी बेकार गई. दिल्ली को सीजन की पांचवीं हार का सामना करना पड़ा. इस जीत के साथ गुजरात टाइटन्स 18 अंकों के साथ अंक तालिका में पहले स्थान पर पहुंच गई है. उनके अलावा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स भी प्लेऑफ में पहुंच चुके हैं.
भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के चलते आईपीएल एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया था. रॉयल चैलेंजर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स का मैच भी बारिश के कारण रद्द हुआ था. अब आईपीएल का फाइनल मुकाबला 25 मई की बजाय 3 जून को खेला जाएगा.
भारत के विदेश मंत्री की यूरोप यात्रा आज से शुरू, पाकिस्तान को घेरने की तैयारी
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार से छह दिन की यूरोपीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. वह 19 से 24 मई के बीच नीदरलैंड्स, डेनमार्क और जर्मनी का दौरा करेंगे. हालिया पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य टकराव के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी.
विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि इस यात्रा के दौरान जयशंकर तीनों देशों के शीर्ष नेताओं और विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. बातचीत में द्विपक्षीय रिश्तों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
भारतीय मीडिया के अनुसार, जयशंकर इस दौरे में पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाएंगे. यह यात्रा भारत की कूटनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की नीतियों को उजागर करना और भारत के रणनीतिक हितों को मजबूत करना है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को प्रोस्टेट कैंसर, हड्डियों तक फैला रोग
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन (82) को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है. रविवार को उनके कार्यालय ने बताया कि बाइडेन को मूत्र संबंधी समस्याएं होने के बाद जांच कराई गई, जिसमें प्रोस्टेट पर एक गांठ पाई गई.
शुक्रवार को हुई जांच में पता चला कि कैंसर हड्डियों तक फैल चुका है, जिसे मेडिकल भाषा में मेटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है. उनके कार्यालय ने बताया, "यह रोग का आक्रामक रूप है, लेकिन यह हार्मोन-संवेदनशील है, जिससे इसका प्रभावी इलाज संभव है. राष्ट्रपति और उनका परिवार चिकित्सकों के साथ इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहा है."
डॉक्टरों के अनुसार, बाइडेन के कैंसर का ग्लीसन स्कोर 9 है, जो इसे अत्यधिक आक्रामक श्रेणी में रखता है. जब प्रोस्टेट कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों, खासकर हड्डियों तक फैलता है, तो उसका इलाज जटिल हो जाता है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि हार्मोन पर निर्भर कैंसर को हार्मोन थेरेपी के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. मैसाचुसेट्स जनरल ब्रिगम कैंसर सेंटर के डॉ. मैथ्यू स्मिथ ने कहा कि "मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर वाले मरीज आज चार से पांच साल तक अपेक्षाकृत अच्छी गुणवत्ता के जीवन की उम्मीद कर सकते हैं."
दिल्ली की तिहाड़ जेल को शहर के बाहर शिफ्ट करने की तैयारी
भारत की राजधानी की सबसे बड़ी और चर्चित जेल तिहाड़ को उसके मौजूदा पश्चिमी दिल्ली स्थित परिसर से बाहर स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है. जेल विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने लिखा है कि जैसे ही दिल्ली विकास प्राधिकरण 400 एकड़ जमीन आवंटित करता है, इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी जाएगी.
जेल अधिकारियों ने अप्रैल में डीडीए को पत्र लिखकर जमीन की मांग की थी. पत्र में तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल परिसरों में बढ़ती भीड़ का हवाला दिया गया है. फिलहाल इन तीनों परिसरों में कुल 16 जेलें हैं जिनकी कुल क्षमता 10,026 कैदियों की है, जबकि अभी वहां करीब 20,000 कैदी बंद हैं.
इस पत्र में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्च में दिए गए बजट भाषण का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने तिहाड़ को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की बात कही थी. जेल अधिकारियों का कहना है कि नए परिसर में आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था और सुधारात्मक सुविधाएं होंगी, जिससे कैदियों के लिए बेहतर माहौल सुनिश्चित किया जा सकेगा.