Most Polluted City: वायु प्रदूषण आज की सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. इसमें सूक्ष्म कण पदार्थ (PM2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो हवा में घुलकर लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डालते हैं. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर की बात करें तो वह दिल्ली या नोएडा गाजियाबाद नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में है. पाकिस्तान का लाहौर शहर इस समय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. जहरीले ‘स्मोग’ ने पिछले महीने से शहर को अपनी चपेट में लिया हुआ है.
सर्दियों में बढ़ जाता है प्रदूषण का कहर, ऐसे रखें अपना ध्यान.
बुधवार को स्विस वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग ग्रुप IQAir के अनुसार, लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1,165 रिकॉर्ड किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित स्तर से 120 गुना अधिक है, जो विश्व स्तर पर इसे सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर बनाता है. इससे पहले शनिवार सुबह को लाहौर का AQI 1,067 तक पहुंच गया था.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर, जो भारतीय सीमा से केवल 25 किलोमीटर दूर है, पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण शहर है. लेकिन यह शहर अब केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर और खूबसूरती के लिए नहीं, बल्कि प्रदूषण के लिए भी जाना जा रहा है.
लाहौर में वायु प्रदूषण कर रहा लोगों को बीमार
लाहौर में अत्याधिक वायु प्रदूषण से हजारों लोग बीमार पड़ रहे हैं. स्थानीय निवासियों ने सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं की शिकायतें दर्ज की हैं. लाहौर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियां और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं लोगों में आम होती जा रही हैं.
अधिकारियों ने आगाह किया है कि अगर लोगों ने मास्क लगाने समेत अन्य निर्देशों का पालन नहीं किया तो पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है. यह चेतावनी तब दी गई जब लोग बिना मास्क लगाए सड़कों पर घूमते नजर आए. डॉक्टरों ने कहा है कि ज्यादातर लोगों को खांसी तथा आंखों में जलन की शिकायत है.
पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सलमान काजमी ने कहा, “पिछले एक हफ्ते में श्वास संबंधी परेशानी से जूझ रहे हजारों लोगों का अस्पतालों और क्लीनिक में इलाज किया गया.”
प्रदूषण के चलते स्कूल बंद
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, पंजाब सरकार ने लाहौर में प्राथमिक स्कूलों को 4 नवंबर से 9 नवंबर तक एक सप्ताह के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है. पर्यावरण विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया. वरिष्ठ प्रांतीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे पहले आना चाहिए, खासकर ऐसे समय में जब प्रदूषण से स्थिति गंभीर हो चुकी है.