संयुक्त राष्ट्र, छह जनवरी: भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि सीरिया (Syria) में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर आरोपों के मामले में सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा कर इसका समाधान किया जाना चाहिए और आगाह किया कि मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ करना कभी सार्थक नहीं होता. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि आतंकवादी समूहों ने सीरिया में एक दशक से चल रहे संघर्ष का फायदा उठाकर खुद को मजबूत किया है और समूचे क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति (TS Thirumurthy) ने मंगलवार को कहा, ‘‘सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोपों और जांच के संबंध में भारत ने लगातार उल्लेख किया है कि संधि के अनुरूप प्रावधानों के तहत निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ जांच की जरूरत है.’’ तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के आधार पर किसी भी चिंता का समाधान किया जाना चाहिए. हमारे दृष्टिकोण से मुद्दे का राजनीतिकरण कभी मददगार साबित नहीं होता और ना ही यह सार्थक होता है.’’
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परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर 2021-22 के लिए भारत के कार्यकाल की शुरुआती बैठक में सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के संबंध में चिंताओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा हुई. निरस्रीकरण मामलों की उच्च प्रतिनिधि इजुमू नाकामित्सू ने भी बैठक को संबोधित किया. परिषद ने अपने नए सदस्यों-भारत (India), आयरलैंड (Ireland), केन्या (Kenya), मैक्सिको (Mexico) और नॉर्वे (Norway) का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी.
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘भारत ने आतंकवादी संगठनों और लोगों के हाथों में इस तरह के हथियार जाने को लेकर लगातार चिंता प्रकट की है. विश्व इन आतंकियों के खिलाफ अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं होने दे सकता या उन्हें किसी तरह का आश्रय प्रदान करने का जोखिम मोल नहीं ले सकता.’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का हमेशा से विरोध किया है. हम रासायनिक हथियारों के प्रयोग की निंदा करते हैं.’’
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