गुरुवार को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले के बाद रूस-अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश की ओर से पाकिस्तान की आलोचना हुई है. चौतरफे हमले झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने कहा है कि उन्होंने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) पर 2002 में पाबंदी लगाई गई थी. इस्लामाबाद इन प्रतिबंधों पर कानून के मुताबिक अपने दायित्व निभा रहा है. इस बीच यह खबर भी आ रही है कि भारत के एक्शन से डर कर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के शरण में पहुंच गया है. आजतक की खबर के अनुसार पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने UN महासचिव एंतोनियो गुतेरेस को चिट्ठी लिखकर भारत की शिकायत की है.
रिपोर्ट के अनुसार महमूद कुरैशी ने चिट्ठी लिख कहा है कि पुलवामा हमले के बाद भारत इलाके में तनाव बढ़ाना चाहता है. चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि आगामी चुनावों से पहले हिन्दुओं के वोट हासिल करने के लिए सत्ता पक्ष ऐसा कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पुलवामा हमले में पाकिस्तान का कोई संबंध है, तो भारत को इसके सबूत देने चाहिए. हम अपनी निष्पक्ष जांच कराएंगे.
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वहीं, हमले के बाद भारत ने जोर दिया कि पाकिस्तान यह दावा नहीं कर सकता कि उसे अपनी भूमि पर आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी के बारे में पता नहीं था. हरत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, जैश-ए-मोहम्मद ने हमले के लिए जिम्मेदारी ली है. यह संगठन पाकिस्तान से चलता है, ऐसे में पाकिस्तान उनपर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता.