कराची. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र में सरकार बनाने के प्रयास के तहत जहांगीर तरीन की अगुवाई में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के नेताओं से मुलाकात की और उनका समर्थन मांगा. हालांकि, एमक्यूएम-पी ने 25 जुलाई को हुए चुनाव में नेशनल एसेंबली की सिर्फ छह सीटें जीती हैं - चार कराची में और दो हैदराबाद में- लेकिन पीटीआई को सरकार बनाने लायक पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से यह महत्वपूर्ण कारक बन गई है.
यह बैठक सोमवार की रात बहादराबाद में हुई. यह पीटीआई व एमक्यूएम-पी के नेताओं के बीच हुई पहली औपचारिक बैठक है. इमसें सरकार गठन व दूसरे राजनीतिक मुद्दों सहित 25 जुलाई के चुनाव पर चर्चा की गई.
जियो न्यूज की रपट के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच वार्ता देर रात करीब 1.10 बजे तक चली और एमक्यूएम-पी के एक सूत्र ने कहा कि तरीन ने एमक्यूएम-पी से नेशनल एसेंबली में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदन के नेता के चुनाव में मदद मांगी और पार्टी को आगामी संघीय कैबिनेट में उसके हिस्से का प्रस्ताव दिया.
सूत्रों ने जियो से कहा कि बैठक के दौरान एमक्यूएम-पी ने पीटीआई नेताओं के समक्ष निचले सदन में अपने छह सदस्यों के समर्थन के प्रस्ताव के लिए अपनी मांगें रखीं.
एमक्यूएम-पी की मांगों में कराची पैकेज, स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए संवैधानिक संशोधन, शहरी सिंध के लिए प्रशासनिक इकाइयां, सामुदायिक पुलिस और कराची में सामूहिक यातायात शामिल हैं. पार्टी ने अपनी मांगों को स्वीकारने पर सशर्त समर्थन का प्रस्ताव दिया.
बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में तरीन ने कहा कि एमक्यूएम नेतृत्व के साथ उनकी सकारात्मक बातचीत हुई.
एमक्यूएम-पी के संयोजक सिद्दीकी ने कहा कि समन्वय समिति पीटीआई के प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पार्टियों के बीच सहयोग लंबे समय तक बना रहेगा और यह न सिर्फ लोकतंत्र, बल्कि देश को भी मजबूत करेगा.