US Supreme Court Roe v Wade Decision On Abortion: अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने कई साल पहले ‘रो वी वेड’ मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है. शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है. मानवाधिकारों और लोकतंत्र के महत्व को लेकर बाइडन का रुख एकदम स्पष्ट: व्हाइट हाउस
अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है. ऐसा कर कोर्ट ने अपने ही पांच दशक पुराने फैसले को बदल दिया है, जिसमें महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी दर्जा दिया गया था. इतने सालों बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने उसी फैसले को पलट दिया है जिसकी वजह से देश में माहौल काफी गर्म है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बारे में अपनी बात रखी.
An emotional crowd gathered outside the Supreme Court on Friday morning to alternately celebrate and revile the historic overturning of Roe v. Wade, with tensions mounting between demonstrators. https://t.co/2QfY3KAEpb pic.twitter.com/IknrrTmCSq
— The Washington Post (@washingtonpost) June 24, 2022
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (President Joe Biden) ने एक बिंदु पर कहा, "यह सिर्फ मुझे स्तब्ध कर देता है, यह कहते हुए कि गरीब महिलाओं को इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान होगा. "यह मेरे विचार से देश के लिए एक दुखद दिन है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लड़ाई खत्म हो गई है."
He called on Congress to restore abortion protections into law & pointed to November midterm elections, saying, “this fall, Roe is on the ballot”. He urged protests to be conducted peacefully & said violence is never acceptable. “This decision must not be the final word,” he said
— ANI (@ANI) June 24, 2022
उन्होंने कांग्रेस से गर्भपात सुरक्षा को कानून में बहाल करने का आह्वान किया और नवंबर मध्यावधि चुनावों की ओर इशारा करते हुए कहा, "यह गिरावट, रो मतपत्र पर है". उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया और कहा कि हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है. "यह निर्णय अंतिम शब्द नहीं होना चाहिए,"
वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत नहीं किया है. उन्होंने इसे सीधे तौर पर निजता हनन बताया है. ओबामा ने कहा "कोर्ट ने सिर्फ 50 साल पुराना आदेश वापस नहीं लिया है, बल्कि उन्होंने सीधे-सीधे अमेरिकियों की निजी स्वतंत्रता पर हमला कर दिया है."