काठमांडू, एक जनवरी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने चीन की सहायता से बने पश्चिमी नेपाल के पर्यटन केंद्र पोखरा में देश के तीसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का रविवार को उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ ने पोखरा क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (पीआरआईए) के आधिकारिक उद्घाटन के अवसर पर एक पट्टिका का अनावरण किया. इस अवसर पर वित्त मंत्री विष्णु पौडेल और अन्य शीर्ष नेता भी उपस्थित थे. यह भी पढ़ें: चीन ने दुनिया को दिया नए साल 2023 का एक अनमोल तोहफा
फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है.
पीआरआईए, ‘नेपाल-चीन बेल्ट एंड रोड’ (बीआरआई) पहल की एक प्रमुख परियोजना है, जिसका निर्माण चीनी ऋण सहायता से किया गया था.
प्रचंड ने इस मौके पर कहा कि हवाई संपर्क नेपाल जैसे देश के लिए संपर्क का सबसे प्रभावी साधन है. उन्होंने कहा, ‘‘देश के तीसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में आज से पोखरा में हवाई अड्डे का संचालन शुरू हो गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस हवाई अड्डे के खुलने से पोखरा का अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के साथ संबंध स्थापित हो गया है.’’
प्रधानमंत्री ने चीनी सरकार से रेलवे सेवाओं और अन्य परियोजनाओं के निर्माण में सहायता करने का भी अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार सामाजिक न्याय, सुशासन और जनता की समृद्धि के मूल मंत्र के साथ काम करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘पहले मैंने एक लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना के लिए अग्रणी भूमिका निभाई थी, अब मैं आर्थिक विकास, समृद्धि और सुशासन को बढ़ावा देकर देश को आगे बढ़ाऊंगा.’’
चीनी दूतावास प्रभारी वांग शिन ने कहा कि हवाई अड्डे को चीनी मानकों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो चीनी इंजीनियरिंग की उच्च गुणवत्ता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा नेपाल के राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक है.
चीनी दूत ने कहा कि पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन और नेपाल के नेताओं द्वारा अत्यधिक महत्व दिया गया है. उन्होंने कहा कि चीनी पर्यटकों के आगमन से नेपाल के पर्यटन क्षेत्र में बहुत योगदान मिलेगा क्योंकि देश ने ‘पर्यटन दशक 2023-2033’ की शुरुआत की है.
उन्होंने कहा, ‘‘दो राष्ट्राध्यक्षों के मार्गदर्शन में, हम संयुक्त रूप से ट्रांस-हिमालयी बहु-आयामी कनेक्टिविटी नेटवर्क का निर्माण करेंगे और बीआरआई सहयोग के सार्थक परिणाम सामने आयेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘केरुंग/रसुवागढ़ी सीमा बंदरगाह पर दोतरफा व्यापार शुरू होने के साथ ही चीन को नेपाली उत्पादों का निर्यात फिर से शुरू हो गया था. पुलन/यारी बंदरगाह पर दो तरफा व्यापार को 2023 की शुरुआत में फिर से शुरू किया जायेगा.’’
वांग शिन ने कहा कि अधिक नेपाली उत्पादों का चीन में निर्यात किया जाएगा.
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