Pakistan Afghanistan Border Dispute: क्या पाकिस्तान दो हिस्सों में बंटने वाला है? क्या एक बार फिर पाकिस्तान का विभाजन होने वाला है, जैसै 1971 में हुआ था? इस चर्चा ने जोर पकड़ ली है क्योंकि तालिबान शासन के उप विदेश मंत्री का दावा है कि 1971 का इतिहास जल्द ही पाकिस्तान के साथ दोहराया जाएगा.
हाल ही में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस तनाव को और बढ़ाते हुए, तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनिकजई (Abbas Satankzai) ने एक विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि 1971 में पाकिस्तान के विभाजन का इतिहास जल्द ही दोहराया जाएगा. भारत में कब और कैसे शामिल होगा POK, वीके सिंह के खुलासे पाकिस्तान की उड़ जाएगी नींद
स्टेनिकजई ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा, "जल्द ही पाकिस्तान 1971 की तरह फिर से विभाजित हो जाएगा." उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान "नकली डूरंड रेखा" को मान्यता नहीं देता है और डूरंड रेखा के दूसरी तरफ "एक और अफगानिस्तान" है.
Kabul:— Taliban regime's Deputy Foreign Minister says history of 1971 will be repeated soon with Pakistan.
— In a verbal tirade against Pakistan, Abbas Satankzai says soon Pakistan will be divided again just like 1971.
— Abbas Satankzai says Afghanistan don't recognise "Fake…
— South Asia Index (@SouthAsiaIndex) February 17, 2024
उनका यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है. हाल ही में, पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे अफगानिस्तान में नाराजगी पैदा हो गई है. तालिबान ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन कर रहा है.
1971 में पाकिस्तान का विभाजन
1971 में, पाकिस्तान दो भागों में बंट गया, जिसके परिणामस्वरूप एक नया देश, बांग्लादेश, बना. विभाजन के पीछे कई कारण थे, जिनमें भाषा, संस्कृति, और जीवनशैली में अंतर, राजनीतिक असमानता, और आर्थिक असमानता शामिल थी.
पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को लगता था कि उन्हें पश्चिमी पाकिस्तान द्वारा उपेक्षित और हाशिए पर रखा गया था. 1970 के चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान की पार्टी की जीत के बाद, पश्चिमी पाकिस्तान के शासकों ने उनकी स्वायत्तता को कम करने की कोशिश की. इसके विरोध में, पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति संग्राम शुरू हुआ.
भारत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का समर्थन किया और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की. इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना हार गई और 16 दिसंबर 1971 को आत्मसमर्पण कर दिया. इसी के साथ, बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा.