इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी किए जाने के फैसले को देश की शीर्ष भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी द्वारा चुनौती देने के बाद उच्चतम न्यायालय ने दोनों को बुधवार को नोटिस जारी किए. मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने मंगलवार को अपनी अगुवाई में तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया जो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के 19 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत की याचिका पर सुनवाई करेगी.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में एवनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मोहम्मद सफदर की जेल की सजा रद्द कर दी थी. रांची: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले रैकेट का ATS ने किया भंडाफोड़, हिरासत में एक दर्जन लोग
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में पेश हुए नवाज ने अपने बचाव में पाकिस्तान से प्रेम और भारत से पलायन करने की बात कही थी.
मैं गद्दार नहीं-नवाज
सोमवार को नवाज ने कहा, ‘पाकिस्तान को परमाणु शक्ति संपन्न करने वाला एक इंसान गद्दार कैसे हो सकता है. एक ऐसा शख्स जिसकी पार्टी ने हालिया आम चुनाव में दूसरे राजनीतिक दलों से अधिक वोट हासिल किए हैं, वो गद्दार कैसे हो सकता है. मैं लाखों पाकिस्तानियों का प्रतिनिधित्व करता हूं. क्या ये लोग भी गद्दार हैं? मैं और मेरा परिवार पाकिस्तान के हर इंच से प्यार करते हैं.’ पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को मिला सऊदी का सहारा, 44 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान
पूर्व पीएम ने अदालत से आग्रह किया कि उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मुकदमा खारिज किया जाना चाहिए. नवाज के पिता मोहम्मद शरीफ बंटवारे से पहले पंजाब के तरन तारन जिले में परिवार के साथ रहते थे. 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार लाहौर आ गया था.