नई दिल्ली: पाकिस्तान अपनी पुरानी आदतों से कभी बाज नहीं आता है. पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री ने UNGA में फिर कश्मीर का राग अलापा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर को मुख्य रूप से उठाया और कहा कि यह मुद्दा वर्षों से यूएन सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर है. उन्होंने कश्मीरी लोगों के आत्म-निर्णय के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा कि यूएन के प्रस्तावों के अनुसार, कश्मीरियों को यह अधिकार मिलना चाहिए. शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर एक लंबित मुद्दा बताया. इतना ही नहीं शरीफ ने आतंकी बुरहान वानी तक जिक्र अपने संबोधन में किया.
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शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने कश्मीर में भारत द्वारा हो रहे कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा की और इसे एक गंभीर मामला बताया. शरीफ ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर की जनसंख्या संरचना को बदलने की कोशिश कर रहा है, ताकि स्थानीय आबादी के अधिकारों का हनन हो सके.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि भारतीय आक्रामक नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान के सकारात्मक प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया है, जिससे बातचीत का रास्ता बंद हो गया है. पाक पीएम ने यहां तक कहा कि कश्मीरी जनता, भले ही उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही हो, अभी भी बुरहान वानी की विचारधारा के साथ मजबूती से खड़ी है और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है.
इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में इजरायली हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों पर हो रहे हमले और अत्याचार अस्वीकार्य हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस आक्रामकता को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.